Saturday, October 31, 2020
Manjinder Singh Sirsa: Announcements to Celebrate Indira Gandhi's Anniversary As Rights Day Is Shameful
नई दिल्ली, 31 अक्टूबरः दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कांग्रेस पार्टी द्वारा इंदिरा गांधी की बरसी को किसानों के लिए अधिकार दिवस के रूप में मनाने के किए गये ऐलान की पुरज़ोर शब्दों में निंदा की है और कहा है कि हैरानी वाली बात है कि जिस इंदिरा गांधी ने किसानों के अधिकार छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ी आज उसके नाम पर ही ऐलान किए जा रहे हैं।
यहां जारी किए एक बयान में स. सिरसा ने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक एवं दुखदायी बात है कि कांग्रेस पार्टी इंदिरा गांधी की बरसी को किसानों के लिए अधिकार दिवस के रूप में मनाने का ऐलान कर रही है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि इंदिरा गांधी ने पंजाब के किसानो के हक छीनने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी, उसने सतलुज यमुना लिंक नहर जैसी नहरें निकालीं और किसानों को व पंजाबियों के हक को समाप्त करने के लिए पंजाब की राजधानी छीनी और सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब व श्री दरबार साहिब पर तोपों व टैंकों से हमले किए। उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह केन्द्रीय कांग्रेसी लीडरशिप व पंजाब की कांग्रेसी लीडरशिप किसानों के संघर्ष को कमज़ोर करने के लिए प्रयास कर रही है जो कभी भी कामयाब नहीं होंगे।
स. सिरसा ने कहा कि वास्तव में किसान अधिकार दिवस केवल बाबा बंदा
सिंह बहादुर जी के नाम पर मनाया जाना चाहिए जिन्होंने किसानों को उनकी ज़मीनों का
हक दिलाया। उन्होंने कहा कि जिस कातिल इंदिरा गांधी ने पंजाब के लिए खास तौर पर
सिखों के लिए कुछ नहीं किया व उनके अधिकारों के साथ समझौते किए उसके नाम पर मानवीय
अधिकार दिवस मनाया जाना बहुत ही शर्मनाक बात है।
News Credit,
Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
DSGMC
1984 सिख कत्लेआम शहीदों की याद में समागम
1984 सिख कत्लेआम शहीदों की याद में समागम
नई दिल्ली, 31 अक्टूबरः देश भर में 1984 में सिख कत्लेआम के दौरान मारे गये सिख शहीदों की याद में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी द्वारा गुरुद्वारा बंगला साहिब में प्रातः समागम करवाया जायेगा एवं शाम को सच्च की दीवार पर शहीदों की विधवाओं एवं पारिवारिक सदस्यांे के साथ मिलकर मोमबत्तियां जलाकर शहीदों को श्रृधांजलि दी जायेगी।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी धर्म प्रचार के मुखी जतिन्दरपाल सिंह गोल्डी द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि हर साल की तरह इस बार भी 1984 सिख कत्लेआम के दौरान जिन सिखों का बेरहमी के साथ कत्ल कर दिया गया था जिसमें बर्जुग, युवा, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे उन सभी की याद में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी द्वारा गुरुद्वारा बंगला साहिब में श्री अखण्ड पाठ साहिब रखे गये हैं जिनका भोग 1 नवम्बर रविवार को प्रातः 8.30 बजे पड़ेगा उपरांतं कीर्तन एवं अरदास की जायेगी। कार्यक्रम में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिन्दर सिंह सिरसा एवं महासचिव हरमीत सिंह कालका विशेष तौर पर पहुंचकर शहीद हुए सिखों को श्रृद्धा के फूल भेंट किए जाएंगे।
सः जतिन्दरपाल सिंह ने बताया कि इसके पश्चात शाम को शहीद
परिवारों की विधवाएं एवं अन्य सदस्य शाम को 5.00 बजे
गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब सच्च की दीवार पर पहुंचेंगे जहां मोमबत्तियां जलाकर
शहीदों को श्रृद्धांजलि दी जायेगी और देश की सरकार को कातिलों को सलाखों के पीछे
भेजने की मांग भी की जायेगी। इस मौके पर शहीदों की याद ताजा करने के लिए एक चित्र
प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी
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Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
DSGMC
Manjinder Singh Sirsa :Strongly Opposes Decision to Nominate Senate Members of Punjab University Instead of Holding Elections
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की सीनेट सदस्यों के चयन के लिए चुनाव करवाने की बजाये इसके द्वारा सदस्य मनोनीत किए जाने के फैसले का पुरज़ोर विरोध किया है और कहा है कि राष्ट्रीय संस्थाओं का नुकसान बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
यहां जारी किए एक बयान में स. सिरसा ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाबियों की 138 वर्ष पुरानी संस्था है। इस युनिवर्सिटी की स्थापना पहले लाहौर में हुई थी और देश के बंटवारे से पहले दिल्ली व फिर शिमला शिफ्ट होने के बाद चंडीगढ़ में स्थायी रूप से स्थापित हुई। उन्होंने कहा कि पंजाबियांे की यह गौरवमयी विरासत है जिस पर कौम को हमेशा गर्व रहा है और रहेगा। उनहोंने कहा कि सीनेट सदस्यों की चयन की प्रक्रिया समाप्त कर सदस्य मनोनीत करने का लिया गया फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है जो तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सीनेट
के लिए मौजूदा चयन प्रबंध को बदलने का किया गया फैसला लोकतांत्रिक नहीं है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जो व्यवस्था है वह अलग-अलग वर्गों के लिए उचित
प्रतिनिधित्व की व्यवस्था है। कोई भी संस्था तभी सुचारू ढंग से कार्य करती है जब
उसके प्रतिनिधि चुने हुए हों। केन्द्र सरकार को इस मामले में तुरंत नोटिस लेना
चाहिए और सिखों के साथ हो रही ज़्यादती को तुरंत समाप्त कर सीनेट सदस्यों के चयन
के मौजूदा प्रबंध की बहाली को सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए।
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Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
DSGMC
Friday, October 30, 2020
Thursday, October 29, 2020
Guru Gobind Singh College of Commerce: Important Responsibility Given to the Youth in the Governing Body of The College
गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज की गवर्निंग बॉडी का विस्तार करते हुए नौजवानों को दी गई अहम जिम्मेवारी
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी देते हुए बताया कि रमीत सिंह स्मार्टी चड्ढा, रविंदर सिंह कालरा और हरविंदर सिंह खरबंदा को गवर्निंग बॉडी में बतौर सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि यह कॉलेज दिल्ली ही नहीं बल्कि देश भी में अपनी अलग पहचान रखता है और देश भर में बच्चे इस कॉलेज में दाखिला लेने की पुरज़ोर कोश्ािश करते हैं। इस बार भी कॉलेज में 97 फीसदी कटऑफ आई है। स. सिरसा ने कहा कि जब से उनकी कमेटी ने कार्यभार संभाला है तकरीबन 30 करोड़ रूपये की राशि गुरुद्वारा कमेटी द्वारा एजुकेशन के लिए दी जा चुकी है क्योंकि हमारा विज़न है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले जिससे आगे चलकर वह देश का भविष्य सुधार सकें।
स. सिरसा ने बताया कि इसी सोच के साथ आई.ए.एस, आइ.पी.एस सहित सिविल सेवाओं की पढ़ाई कराने के लिए अकादमी खोली गई है तांकि आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा सिख बच्चे आई.पी.एस, आई.ए.एस के पद पर पहुंच कर ब्यूरोक्रेटस बन कर देश व कौम की सेवा कर सकेें।
उन्होंने कॉलेज के चेयरमैन स. हरमनजीत सिंह, कैशीयर गुरविंदर पाल सिंह राजू को बधाई दी कि वह पूरी कमेटी को साथ लेकर चलते हुए कॉलेज को बुलंदियों पर लेकर जा रहे हैं।
इस मौके पर कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. जतिन्द्रबीर सिंह, एम.पी.एस चड्ढा, सरवजीत सिंह विरक सदस्य
दिल्ली कमेटी, स. त्रिलोचन सिंह, स. सोहन सिंह कोहली, स. सुदीप सिंह रानी बाग
सहित अन्य गणमान्य शख्सीयतें शामिल रहीं।
News Credit,
Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
DSGMC
Pakistan Gurdwara Body to Celebrate First Anniversary of Kartarpur Corridor Opening on 9th November 2020
Pakistan Sikh Gurdwara Parbandhak Committee (PSGPC) has announced to celebrate the first anniversary of the inauguration of the Kartarpur Corridor that connects Dera Baba Nanak town on the Indian side with Gurdwara Darbar Sahib, the final resting place of Sikhism founder Guru Nanak, in Pakistan.
Some “important
decisions” were in a joint meeting of the PSGPC and the Evacuee Trust Property
Board (ETPB) in Lahore on Tuesday 28th October taken to celebrate the anniversary on
November 9.
PSGPC president Satwant Singh said, “The first anniversary will be
celebrated at Gurdwara Darbar Sahib. Earlier, we were planning to invite Sikh
devotees from India to attend the celebrations, but it was not possible as the
corridor has not been opened from the Indian side in view of the coronavirus
pandemic.”
Pakistan Government had reopened the corridor on its side in the first week of October.
Pakistan’s religious affairs Ministry issued a notification for reopening of
the corridor, which allows Indian pilgrims visa-free access to Gurdwara Darbar
Sahib.
Travel through
the corridor was suspended in March following the Covid-19 outbreak.Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (SGPC), which manages the affairs of Gurdwaras in Punjab and other states of the country, has demanded re-opening of
the corridor from the Indian side,especially on the occasion of the birth
anniversary of Guru Nanak.
https://www.hindustantimes.com/cities/pakistan-gurdwara-body-to-celebrate-first-anniversary-of-kartarpur-corridor-opening/story
Dr. Gurdeep Kaur
Associate Professor
Sri Guru Nanak Dev Khalsa College
University of Delhi
Pakistan Government Makes Covid-19 -ve Report Must For Sikh Pilgrims
Ahead of the schedule visit of the Indian Sikh group of Pilgrims to celebrate the birth anniversary of Guru Nanak Dev ,the founder of Sikhism,Pakistan government has made it mandatory for every member of the group to carry a Covid-19 negative report.
Pakistan Government Department monitoring functioning of the Pakistan Sikh Gurdwara
Parbandhak Committee (PSGPC) — held a preliminary coordination meeting of all the concerned
agencies to start the preparations for the Guru’s birth celebrations.
Aamar Ahmad, chairman of the Evacuee Trust Property Board (ETPB) said “As par the government’s Covid-19 protocol, it has been decided to allow only the pilgrims carrying Covid-19 negative certificate, which should not be older than 48 hours,”
“We are expecting 3,000 devotees from India and around 2,500 from other countries,” “ he said, adding that Indian pilgrims’ movement would be restricted within Nankana Sahib, birth place of Guru Nanak Dev
PSGPC president Satwant Singh said the pilgrims not carrying the certificate
wouldn’t be allowed to enter Pakistan.
According to sources, the decision was taken in wake of a warning of a possible
second wave of coronavirus hitting Pakistan. Satwant Singh said arrangements were
being made in such a way so that pilgrims didn’t face any inconvenience.
https://timesofindia.indiatimes.com/city/chandigarh/pak-makes-covid-19-ve-report-must-for-sikh-jatha/articleshow/78921481.cms
Dr. Gurdeep Kaur
Associate Professor
Sri Guru Nanak Dev Khalsa College
University of Delhi
Wednesday, October 28, 2020
Indian Government Constitutes Committee To Celebrate 400 Parkash Purab of Guru Tegh Bahadur ji
The Indian PM
Narendra Modi has been appointed as a Chairman of this committee while Lok
Sabha’s speaker Mr. Om Birla, former Indian PM Dr. Manmohan Singh, Home
Minister Amit Shah, Defense Minister Rajnath Singh and Road Transport Minister
Nitin Gadkari have been nominated as its members.
The mandate of
the 70-member committee includes approval of policies, plans, programmes and
supervision and guiding the commemoration, besides deciding broad dates for
detailed programmes of celebration.
It is pertinent
to note here that the 400th Parkash Purab of Sri Guru Teg Bahadur will be celebrated on April 18 next year. The
Punjab government has already announced year-long celebrations of Guru Sahib’s
400th Parkash Purab.
The Hindu
community exists today due to the sacrifices made by Sri Guru Teg Bahadur Ji,
and his three Sikhs Bhai Mati Das Ji, Bhai Sati Das Ji and Bhai Dyala Ji.
Guru had challenged the then Mughal ruler
Aurangzeb’s act of forcing Hindus to embrace Islam by standing as an iconic
figure against forceful conversions and oppression of disciples of other
religions.
https://www.sikh24.com/2020/10/28/indian-government-constitutes-committee-to-celebrate-400th-parkash-purab-of-guru-tegh-bahadur-ji
https://www.news18.com/news/india/govt-sets-up-high-level-committee-headed-by-pm-modi-to-commemorate-400th-birth-anniversary-of-shri-guru-tegh-bahadur-3003320.html
Dr. Gurdeep Kaur
Associate Professor
Sri Guru Nanak Dev Khalsa College
University of Delhi