दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि किसानों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमेटी इसलिए स्वीकार्य नहीं क्योंकि यह किसानों के लिए मीठा ज़हर है।
यहां विज्ञान भवन में किसान जत्थेंबंदियों के नेताओं व सरकार के बीच वार्ता के मौके पर एक बार फिर से लंगर लेकर पहुंचे स. सिरसा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि किसान मसले के हल के लिए जो कमेटी बनाई गई है उनके सदस्यों ने तो पहले ही कृषि क़ानूनों के हक में अपने बयान दिए हैं जो लेखों के रूप में अख़बारों में भी छपे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य पहले ही कृषि क़ानूनों के हक में हैं तो वह किसानों का पक्ष कैसे अदालत में रख सकते हैं।यह तो वही बात हुई कि बैंकों के कामकाज में सुधार के लिए कमेटी बना दो जिसके सदस्य विजय माल्या व नीरव मोदी जैसे व्यक्तियों को डाल दो जो सुधारों की सिफारिश करेंगे।
स. सिरसा ने कहा कि वास्तव में सरकार की मंशा इस मसले को हल करने की नहीं है बल्कि वह नीति अनुसार मसला लटकाना चाहती है तांकि यह समाप्त हो जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझ नहीं है कि किसान वास्तव में ट्रेक्टर हैं जो जितनी देर चालू रहेंगे उतना अधिक गर्म होते रहेंगे और इस तरीके से यह संघर्ष जितना लटकेगा उतना ही लोग इससे और अधिक जुड़ते रहेंगे।
26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च के
सबंध में दिए एक सवाल के जवाब में स. सिरसा ने कहा कि सरकार यह चाहती है कि उस दिन
टकराव हो और इसका ठीकरा वह किसानों के सिर पर फोड़ दे। उन्होंने कहा कि यह टकराव
किसी भी प्रकार से किसानों के हित में नहीं है व बाकी का फैसला किसान जत्थेबंदियों
ने करना है हम हर प्रकार से किसानों के साथ खड़े हैं।