Wednesday, June 22, 2016
Baba Banda Singh Bahadur’s 300th Martyrdom Anniversary Observed at Large Scale in New Delhi
NEW DELHI—The Aam Aadmi Party led Delhi government observed the 300th martyrdom anniversary of Sikh general Baba Banda Singh Bahadur by organizing a light and sound show. The program was organized on June 19 at Central park in Rajiv Chowk by the Punjabi Academy that is being run by the Delhi government.Addressing the gathering on this occasion, the Chief Minister of Delhi, Arvind Kejriwal, said that Baba Banda Singh Bahadur fought a mega war against cruel Mughal regime to defend the civil rights of common citizens. He added that Baba Banda Singh Bahadur obtained victory with limited resources to reinstate democracy in the province of Punjab.
The Delhi Government has also announced to rename the Barapullar flyover after Baba Banda Singh Bahadur.
Speaking at the event, Kejriwal added that Baba Banda Singh Bahadur was “a source of inspiration”. “We come to know how to stand against injustice and fight against the atrocities of the oppressive rulers by knowing lives of such great personalities, ” Kejriwal said.
“Banda Singh Bahadur went to Punjab and won the great battle without many resources. He gave relief to the common man and established a true democratic state in Punjab,” Kejriwal added.
Link :https://www.sikh24.com/2016/06/21/baba-banda-singh-bahadurs-300th-martyrdom-anniversary-observed-at-large-scale-in-new-delhi/#.V2nAuLt97IU
SHAHEED BHAGAT SINGH SEWA DAL : Bravery Awards 2016 Ceremony & 138th Blood Camp
BRAVERY AWARDS 2016 FOR BLOOD DONORS & 138thBLOOD CAMP BY SHAHEED BHAGAT SINGH SEWA DAL
Spearheaded by NGO Founder Jitender Singh Shunty (Nagar Sewak), Shaheed Bhagat Singh Sewa Dal (Regd.) & Shaheed-E-Azam Bhagat Singh Foundation, organized “Bravery Awards 2016” for Blood Donors” for people having voluntary donated their blood over 50 times in their life span and motivating Blood Donation. Also 138th Blood Camp was organized simultaneously by the NGO on this occasion where over 100 units of blood was successfully collected by the GTB Hospital Doctor’s team. The event was held on 21st June 2016 at Hotel Park Plaza, CBD, Delhi.
Prominent social workers and doctors were also honored on this occasion who have dedicated their lives to humanitarian cause. Among the recipient of Social bravery award, who have donated blood over 50 times or promoted and motivated Blood Donation extensively, the names included prominent social workers such as Sh. Jai Narayan Aggarwal (Social Worker), S. Jitender Singh Sonu, Mr. Vinay Narang, Sh. Saleem Ahmed, Sh. Vinod Bandal & Dr. Bharat Singh (Incharge GTB Blood Bank) among others. Also two prominent Doctor social workers namely Dr. VPS Chawla (MBBS) & Dr. Ashok Sharma (MD & Author) were conferred the prestigious Life Time Achievement Award for humanitarian services for last 40 years and last 25 years respectively.
The Chief guest on the occasion was Smt. Satya Sharma (Honorable Mayor- EDMC). The guest of honors were Sh. Rishi Pal (DCP- East Delhi), Sh. Mohanjeet Singh (IAS Officer), Commissioner EDMC, Sh. Jeetu Chaudhary (Chairman- Standing Committee EDMC), Sh. Mahender Ahuja (Deputy Chairman Standing Committee EDMC) & Sh. Ajit Kumar Singhla (DCP, North East Delhi). Also wheelchairs were donated to differently abled people on this occasion.
“Blood is priceless and those who motivate and promote blood donation actually deserve an honour. Therefore, in an unprecedented event, Shaheed Bhagat Singh Sewa Dal decided to honour social workers and prominent blood donors who have donated their blood voluntary over 50 times or extensively promote Blood Donation. This award is more an emotional applaud and such awards set the motivation of the donors high, who don’t demand anything but a recognition of their Noble deeds” said the founder,Jitender Singh Shunty.
Shaheed Bhagat Singh Sewa Dal & amp; Shaheed-E-Azam Bhagat Singh Foundation has been active in the service of mankind since 1995 in Delhi with the most useful services such as Free Hearse Van, Free Cremation, Free Ambulance, Free Blood Donation, Free Mortuary Box, Free Disaster Management and many other such services.
Tuesday, June 21, 2016
Union Finance Minister Arun Jaitley Releases Silver Coin Commemorating Sikh Leader Banda Bahadur
Information and Broadcasting Minister Arun Jaitley today released commemorative silver coin to mark the 300th Martyrdom Day of Banda Singh Bahadur.
Bahadur is considered to be first sovereign ruler of Punjab.
Releasing the coins manufactured in association with MMTC, Jaitley said there is a need to educate people about the rich history and tradition of Punjab including its leaders like Banda Singh Bahadur.
He also suggested Delhi Sikh Gurdwara Management Committee to make a documentary on the life and times of Banda Singh Bahadur.
The leader had sacrificed his life at the age of 46 to protect honour and tradition. He established his rule by defeating Mughals in 1710. Later in 1716, he was captured and executed by Mughals in Delhi.
Link :http://indianexpress.com/article/india/india-news-india/jaitley-releases-silver-coin-commemorating-sikh-leader-banda-bahadur
DSGMC : Releasing Of Nanakshahi Coin By Finance Minister Arun Jaitley
बाबा बन्दा सिंह बहादर के शासन के सिक्के का प्रतिरूपी सिक्का जेटली ने किया जारी
नई दिल्ली (21 जून 2016), केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नेशनल मीडिया सेंटर मे महान सिख जरनैल और पहले सिख बादशाह बाबा बन्दा सिंह बहादर के शासन के दौरान चलते नानकशाही सिक्के का प्रतिरूपी सिक्का जारी किया। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के., पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के उपकुलपति डा.जसपाल सिंह, लोकसभा सदस्य प्रेम सिंह चन्दूमाजरा, पूर्व राज्यसभा सदस्य त्रिलोचन सिंह तथा कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महिन्दरपाल सिंह चड्डा को इन इतिहासिक पलों का गवाह बनने का मौका हासिल हुआ। दिल्ली कमेटी ने बाबा जी की तीसरी शहीदी शताब्दी को व्यापक रूप से मनाने के साथ ही नानकशाही सिक्कों की हुबहू नकल एम.एम.टी.सी. से चांदी के 10 ग्राम तथा 20 ग्राम के सिक्कों के रूप मे बनवाई है।
जी.के. ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर ने सिख राज 1710 में स्थापित करने के बाद अपने नाम पर सिक्के चलाने की शासकों की पुरानी परम्परा को हटाकर गुरु नानकदेव जी और गुरु गोबिन्द सिंह के नाम के इकबाल को बुलन्द करने वाले सिक्के चलाकर एक अलग मिसाल कायम की थी। बाबा बंदा सिंह बहादर के राज की समाप्ति के बाद मुगल शासकों द्वारा बाबा जी द्वारा चलाये गये सिक्कों को गलाने की जानकारी देते हुए जी.के. ने कमेटी द्वारा तैयार करवाये गये सिक्कों को आने वाली कई सदियों तक यादगार के तौर पर सिखों के पास सुरक्षित रहने का भी दावा किया।
जेटली ने दिल्ली कमेटी द्वारा बाबा जी की तीसरी शहीदी शताब्दी को समर्पित किये जा रहे कार्यक्रमों को महापुरूषों की याद तथा आजादी का जश्न मनाने के तौर पर परिभाषित किया। जेटली ने बाबा जी पर एक लघु फिल्म तैयार करने की भी कमेटी को सलाह दी। जेटली ने कहा कि खालसा का बहादुरी तथा कुर्बानी का इतिहास है जिसमें 1716 का विशेष महत्व है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 3 जुलाई को पंजाब सरकार के कार्यक्रम में हाजरी भरने की बात करते हुए जेटली ने देश विरोघी ताकतों पर इतिहास को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
डा. जसपाल सिंह ने कहा कि बाबा जी ने अपना राज स्थापित करने के बाद अपने नाम पर मोहर तथा सिक्का ना चला कर गुरू साहिबानों को दिया सत्कार सिख इतिहास में विशेष स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर ने एक महान योद्धा के तौर पर सम्प्रभुता वाला जो राज स्थापित किया था वो आम आदमी का शासन था। त्रिलोचन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा संसद भवन में स्थापित करते समय महाराजा को आखिरी सिख बादशाह बताने का हवाला देते हुए आज वित्त मंत्री द्वारा बाबा बंदा सिंह बहादर को पहले सिख बादशाह का खिताब देने को संयोग के रूप में आपस में जोड़ा। त्रिलोचन सिंह ने सिक्के जारी करने के समागम में वित्तमंत्री की उपस्थिति को बाबा जी की शहादत को भारत सरकार द्वारा प्रमाणित करने जैसा बताया।
इस अवसर पर गायक सिमरनजीत सिंह द्वारा बाबा जी के बारे गाये गये धार्मिक गीत की वीडियो प्रसिद्ध उद्योगपति राजिन्दर सिंह चड्डा की मौजूदगी मंे जेटली ने जारी की। पब्लिक सैक्टर के 2 बड़े बैंकों में बतौर चेयरमैन सेवा निभा चुके सिख अधिकारी पदमश्री के.एस. बैंस (पंजाब एंड सिंध बैंक) तथा एस.एस. कोहली (पंजाब नैशनल बैंक) ने जेटली को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता अवतार सिंह हित, औंकार सिंह थापर, कुलदीप सिंह भोगल तथा एम.एम.टी.सी. के जनरल मैनेजर रवि किशोर ने जेटली को एक सिक्का तथा यादगारी चिन्ह भी भेंट किया।
स्टेज सचिव की सेवा कमेटी के मुख्य सलाहकार कुलमोहन सिंह ने निभाई। कमेटी के उपाध्यक्ष सतपाल सिंह, संयुक्त सचिव अमरजीत सिंह फतेह नगर, पूर्व विधायक हरमीत ंिसंह कालका, धर्मप्रचार कमेटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा, कमेटी सदस्य रविन्दर सिंह खुराना, तनवंत सिंह, गुरदेव सिंह भोला, हरविन्दर सिंह के.पी., गुरमीत सिंह मीता, परमजीत सिंह चंडोक, चमन सिंह, रवेल सिंह, धीरज कौर, गुरमीत सिंह लुबाणा, जीत सिंह, हरजिन्दर सिंह, रविन्दर सिंह लवली, जतिन्दर पाल सिंह गोल्डी, अकाली नेता विक्रम सिंह तथा मनजीत सिंह औलख इस अवसर पर मौजूद थे।
नानकशाही सिक्के का इतिहास - पहले सिख राज की 1710 मे स्थापना करने के बाद बाबा बन्दा सिंह बहादर ने पहले सिख गुरु, गुरुनानक देव जी और दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के आर्शीवाद तथा रहमत की तलवार की कृपा का वर्णन पारसी भाषा मे लिखकर नानकशाही मुद्रा की सिक्के के रूप में शुरुआत की थी। लेकिन 1716 को फिर से मुगलराज की स्थापना के बाद मुगलों ने लगभग सभी नानकशाही सिक्कों को गला दिया था ताकि पहले सिख राज की निशानी खत्म हो सके।
सिक्के पर ऊपर की तरफ लिखे शब्द -सिक्का जद बर दो आलम, तेग नानक वाहिब-अस्त,फतेह गोबिंद सिंह शाह-ए-शाहन, फजल सच्चा साहिब -अस्त।
सिक्के पर पीछे की तरफ लिखे शब्द -झरब अमन -अल-दाहर, मासावरत शाहर झीनत अलतख्त मुबारक बकूत।
लिखी पंक्तियों के अर्थ -फतेह गोबिंद की, राजाओं के राजा की,सिक्का मारा दो जहान पर, नानक की तलवार जमानती है इच्छाओं की , फतेह शहनशाह गोबिंद सिंह की, कृपा की सच्चे रब एक ने।
With Thanks : Media DSGMC
Wednesday, June 15, 2016
Kejriwal Government is Misleading People on Punjabi Language and Sikh Victims Issues: Manjinder Singh Sirsa
"Punjabi teachers should be appointed
permanently and Punjabi language should be made a compulsory subject"
Kejriwal government is indulging in misleading
actions about issue of promotion of Punjabi language in Delhi in order to show
off before the voters of Punjab, while it should take concrete and relevant steps
for the development of Punjabi language. These words were expressed in a press
statement issued here by Sh. Manjinder Singh Sirsa, the general secretary of
Delhi Sikh Gurdwara Management Committee and the Minister of State, Punjab
government.
Sh.Sirsa stated that he had been providing
factual information to Kejriwal government through a number of letters and with
the help of media, about the problems being faced by the students and teacher
of Punjabi language subject in Delhi. Due to the pressure created on Kejriwal
government, it slightly increased the salaries of Punjabi teachers under
compulsion and has tried to absolve itself of the issue on the basis of this
sham action. While the need of the hour was that these contract teachers, who
had been teaching Punjabi in government schools for many years, should have
been permanently appointed and provided with equal salaries and other
allowances. The few government schools where there were permanent teachers of
Punjabi subject, the posts of these teachers are lying vacant ever since the
retirement of such teachers but the government is not taking any step to fill
these vacant posts. Besides, in spite of repeated requests by him (Sh. Sirsa)
through correspondence with government, Kejriwal government has not revoked its
controversial circular shifting Punjabi language from the list of compulsory
subjects to the list of optional subjects and has ordered only to keep this
circular in abeyance till further orders only; which shows the malafide
intention of Kejriwal government.
Kejriwal government is minutely defrauding
not only Punjabi teachers but also the whole Punjabi community by depriving the
Punjabi teachers from permanent appointments and by not reinstating Punjabi as
a compulsory subject in government schools, for which the Punjabi community
will never forgive this government.
Sh. Sirsa again reminded Kejriwal government that
if this government claims to be sympathetic to the Sikhs, then it must pass a
resolution in Delhi assembly declaring 1st November as a "Black Day".
Besides, the government should instantly get repaired the decaying flats of the
victims of November 1984 massacre in Tilak Vihar colony. The government should
also take steps to provide free electricity to the victims living in these
flats because the electricity companies first send hefty bills to these
families and then stop the supply of electricity in the area for several hours,
in order to compel the victims for payments of these bills. Sh. Sirsa said that
if Kejriwal government fails in taking such steps, its claims of being the
well-wisher of Sikh community will prove to be just a political gimmick.
With Thanks : Media DSGMC
Manjinder Singh Sirsa :Initiate Criminal legal Proceedings Against the Director and Heroine of Movie 'Dishoom' for hurting Sikh Religious Sentiments
In a press conference organised here, general secretary of Delhi Sikh Gurdwara Management Committee and minister of state in Punjab, Sh. Manjinder Singh Sirsa informed the media personnel that he has got issued a legal notice through his advocate Sh. S.S. Ahluwalia to the Sh. Rohit Dhawan, director of an upcoming movie namely 'Dishoom' as well as to its heroine Ms. Jacqueline Fernandez; for initiating criminal legal proceedings against both the accused. Issuing a copy of the notice to the media, Mr. Sirsa claimed that in the movie, Ms. Jacqueline Fernandez has been shown dancing to tunes of a particular song, with a Kirpaan tied to a belt and dangling between her legs. He said that Kirpaan is one of the essential Kakaar born by a practising Sikh (only Amritdhari Sikh can wear Kirpaan). The song in question has intentionally insulted the sacredness and respect of Kirpaan and the movie's director as well as heroine both are responsible.
Sh. Sirsa said that the sacredness and respect of Kirpan has been admitted and appreciated not only by various high courts and supreme court of India but also courts worldwide. The constitution of India also confers the right to bear Kirpan by persons professing Sikh faith, which itself reflects the importance and sacredness of Kirpaan in Sikhism. Therefore, the film director or cast must not be allowed to disrespect this religious symbol of the Sikh community in the guise of right to freedom of expression, which cannot be exercised while hurting the religious sentiments of people.
Sh. Sirsa informed that the controversial song, which has been uploaded on youtube.com, has already started hurting the religious sentiments of the Sikh community as he is already receiving numerous complaints in this matter from various Sikh bodies. Through the legal notice, Mr. Manjinder Singh Sirsa asked director Rohit Dhawan to immediately remove all the trailers/videos of the aforesaid song uploaded at youtube.com or other websites; either delete the song from the movie or re-shoot its video without the Kirpan worn by the actress and to make public apology along with Ms. Jacqueline Fernandez to the Sikh community for the deliberate insult done to a respectable Sikh religious symbol. He warned that if the these remedial steps are not taken, DSGMC would initiate criminal proceedings against the accused persons u/s 295A & 120B for hurting the religious sentiments of the Sikh community and will also file a petition in the court for banning the release of the movie.
Link "http://www.punjabupdate.com/2016/06/15/sirsa-takes-charge-initiate-criminal-legal-proceedings-director-heroine-movie-dishoom
DSGMC :Completion of Baba Banda Singh Bahadur's Statue for installation
ਬਾਬਾ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਦਾ ਬੁੱਤ ਹੋਇਆ ਤਿਆਰ
ਨਵੀਂ ਦਿੱਲੀ (15 ਜੂਨ 2016) : ਬਾਬਾ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਦਾ ਦਿੱਲੀ ਦੇ ਮਹਿਰੌਲੀ ਵਿਖੇ ਸਥਾਪਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਬੁੱਤ ਪੂਰਨ ਤੌਰ ਤੇ ਤਿਆਰ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ। ਦਿੱਲੀ ਸਿੱਖ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ ਬਾਬਾ ਜੀ ਦੀ ਤੀਜ਼ੀ ਸ਼ਹੀਦੀ ਸ਼ਤਾਬਦੀ ਦਾ ਸੁਨੇਹਾ ਸਦੀਵੀ ਕਾਲ ਤਕ ਸੁਰਜੀਤ ਰੱਖਣ ਲਈ ਡੀ.ਡੀ.ਏ. ਤੋਂ 7.5 ਏਕੜ ਦਾ ਪਾਰਕ ਕੁੱਤੁਬ ਮੀਨਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਲੈ ਕੇ ਬਾਬਾ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਮੈਮੋਰੀਅਲ ਪਾਰਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਵਿਕਸਿਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਬਾਬਾ ਜੀ ਦਾ ਬੁੱਤ ਲਗਾਉਣ ਦਾ ਫੈਸਲਾ ਲਿਆ ਗਿਆ ਸੀ। ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਜਿਥੇ ਇਸ ਬੁੱਤ ਦਾ ਸਾਰਾ ਖਰਚਾ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਉਥੇ ਹੀ ਦਿੱਲੀ ਦੇ ਮੁਖਮੰਤਰੀ ਅਰਵਿੰਦ ਕੇਜਰੀਵਾਲ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਹੇਠ ਆਉਂਦੀ ਸਟੇਟ ਨੇਮਿੰਗ ਕਮੇਟੀ ਨੇ ਬੁੱਤ ਨੂੰ ਪਾਰਕ ਵਿਚ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਮਨਜੂਰੀ ਸੁਪਰੀਮ ਕੋਰਟ ਦੇ ਇੱਕ ਅੰਤ੍ਰਿਮ ਆਦੇਸ਼ ਦਾ ਹਵਾਲਾ ਦੇ ਕੇ ਦੇਣ ਤੋਂ ਕੋਰੀ ਨਾਹ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਹੈ।
ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਸੀਨੀਅਰ ਆਗੂ ਕੁਲਦੀਪ ਸਿੰਘ ਭੋਗਲ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਦਿੱਲੀ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ ਇਸ ਬੁੱਤ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਗਵਾਲੀਅਰ ਦੇ ਉੱਘੇ ਬੁੱਤਕਾਰ ਪ੍ਰਭਾਤ ਰਾਇ ਤੋਂ ਕਰਵਾਉਣ ਦਾ ਫੈਸਲਾ ਲਿਆ ਗਿਆ ਸੀ ਕਿਉਂਕਿ ਬਾਬਾ ਜੀ ਦਾ ਹੂ-ਬ-ਹੂ ਬੁੱੱਤ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਜੋ ਚੱਪੜਚਿੜ੍ਹੀ ਮੈਦਾਨ ਵਿਚ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਸੀ ਉਸ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਤ ਰਾਇ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ। ਭੋਗਲ ਨੇ ਬੁੱਤ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਦਾ ਕਾਰਜ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਤੇ ਬੁੱਤਕਾਰ ਦੀ ਸਾਰੀ ਟੀਮ ਨੂੰ ਗਵਾਲੀਅਰ ਵਿਖੇ ਸਿਰੋਪਾਉ ਅਤੇ ਯਾਦਗਾਰੀ ਚਿਨ੍ਹ ਦੇ ਕੇ ਸੰਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ। ਭੋਗਲ ਨੇ ਆਸ਼ ਜਤਾਈ ਕਿ ਦਿੱਲੀ ਕਮੇਟੀ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਸਾਂਝੀ ਪਹਿਲ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ ਇਹ ਬੁੱਤ ਬਾਬਾ ਜੀ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਸੰਗਤਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਦਾ ਵੱਡਾ ਮਾਧਯਮ ਬਣੇਗਾ।
ਭੋਗਲ ਨੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਕਿ ਇਹ ਬੁੱਤ 17 ਫੁੱਟ ਉੱਚਾ ਤੇ 13 ਫੁੱਟ ਚੌੜਾ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ 6 ਟਨ ਵਜਨੀ ਹੈ। ਭੋਗਲ ਨੇ ਇਸ਼ਾਰਾ ਕੀਤਾ ਕਿ ਦਿੱਲੀ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਪਾਰਕ ਵਿਚ ਬੁੱਤ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਮਨਜੂਰੀ ਨਾ ਮਿਲਣ ਤੇ ਉਕਤ ਬੁੱਤ ਨੂੰ ਯੋਗ ਸਥਾਨ ਤੇ ਲਗਾਉਣ ਵਾਸਤੇ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ 2 ਥਾਵਾਂ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨਦੇਹੀ ਕਰ ਲਈ ਗਈ ਹੈ। ਪ੍ਰਭਾਤ ਰਾਇ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮਹਾਨ ਸਿੱਖ ਜਰਨੈਲ ਜਿਸ ਨੇ ਇਸ ਦੇਸ਼ ਵਾਸਤੇ ਆਪਣੇ ਬੱਚੇ ਤਕ ਨੂੰ ਕੁਰਬਾਨ ਕੀਤਾ ਹੋਏ ਉਸ ਦਾ ਬੁੱਤ ਬਣਾਉਣਾ ਮਾਣ ਵਾਲੀ ਗੱਲ ਹੈ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਕਮੇਟੀ ਦੇ ਬਿਲਡਿੰਗ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਇੰਜੀਨੀਅਰ ਵੀ ਮੌਜੂਦ ਸਨ।
With Thanks : Media DSGMC
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