देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या एवं उसके बाद हुए सिखों के कत्लेआम के कारणों एवं परिणामों से रूबरू करवाती फिल्म ‘‘31 अक्टूबर’’ के अदाकारों द्वारा गुरुद्वारा बंगला साहिब में माथा टेका गया। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. एवं महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा ने फिल्म में कत्लेआम की पीड़ित सिख महिला का किरदार निभाने वाली बालीवुड की अदाकारा सोहा अली खान को सिरोपा देकर सम्मानित किया।
माथा टेकने के बाद फिल्म की टीम एवं दिल्ली कमेटी के नेताओं ने गुरुद्वारा बंगला साहिब से ‘‘मोमबती मार्च’’ जन्तर-मन्तर तक ‘‘इन्साफ की आवाज’’ बुलन्द करने के लिये निकाला। जी.के. ने कहा कि इंदिरा गांधी के कत्ल के बाद सिखों का हुआ कत्लेआम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर बदनुमा दाग है। फिल्म के निर्माता हैरी सचदेवा द्वारा इस संवेदनशील मसले पर फिल्म बनाने के लिये गये फैसले की भी उन्होंने प्रशंसा की।
सिरसा ने कहा कि 1984 का सरकारी कत्लेआम सिख इतिहास का बड़ा दुखांत है इसलिए उक्त मसले पर सिखों के साथ हमदर्दी जताने वाले सही मायनों में सिखों के शुभचिन्तक हैं। यहां बता दें कि सोहा अली खान ने एक सिख परिवार की सच्ची कहानी पर आधारित उक्त फिल्म में कत्लेआम पीड़ितों के दुख को बाखूबी ब्यान करने की कोशिश की है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद तथा भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार मनोज तिवारी ने भी इस अवसर पर गुरुद्वारा बंगला साहिब के दफ्तर पहुंच कर सोहा अली खान के साथ मुलाकात कर इस विषय पर कार्य करने के लिए सराहना की।
हैरी सचदेवा ने कुछ राजनीतिक दलों द्वारा फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए की जा रही कानूनी कार्यवाही को गैरजरूरी बताते हुए फिल्म की कहानी पूरी तरह से मानवता की दर्द पर आधारित होने का दावा किया। इस अवसर पर दिल्ली कमेटी के उपाध्यक्ष सतपाल सिंह, धर्मप्रचार कमेटी चेयरमैन परमजीत सिंह राणा, कमेटी सदस्य तनवंत सिंह, परमजीत सिंह चंढ़ोक, जस्टिस फॉर विक्टिमस की प्रमुख निरप्रीत कौर, अकाली नेता खुशविन्दर सिंह मोनूवालिया, अवनीत सिंह रायसन तथा देवनगर खालसा कॉलेज छात्रसंध अध्यक्ष अभिषेक शर्मा भी मौजूद थे।
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