Friday, October 2, 2020

Takht Patna Sahib Gurdwara Will Have a World Class Museum


        तख्त पटना साहिब में बनेगा वर्ल्ड क्लास अजायबघर


गुरु गोबिंद सिंह की जन्मभूमि तख्त पटना साहिब जहां गुरु साहिब का जन्म हुआ और बाल अवस्था में गुरु साहिब यहीं सेवा करते थे आज भी कई श्रधालुओं को गुरु साहिब के यहां दर्शन हो जाते हैं।मौजूदा समय में यहां पर आलीशान गुरुद्वारा साहिब स्थापित हो चुका है और देश विदेश से संगत यहां दर्शनों के लिए पहुंचती है। 



तख्त साहिब कमेटी के अध्यक्ष जथेदार अवतार सिंह हित्त द्वारा इस स्थान पर गुरु साहिब के जीवन से सम्बन्धित एक अजायबघर बनाए जाने पर विचार करते हुए . हरमनजीत सिंह और . विक्रमजीत सिंह साहनी से इसे बनाने की अपील की। साहनी परिवार द्वारा हमेशा गुरुघर की सेवा बढ़ चढ़ कर की जाती है। 



सन फ़ाउंडेशन एवं वल्र्ड पंजाबी ऑर्गेनाइजेशन  के मुखी विक्रमजीत सिंह साहनी ने जानकारी दी है कि उन्होंनें इस मांग को स्वीकार कर लिया है ओर जल्द ही तख्त साहिब में वर्ल्ड क्लास अजायबघर बनाने के कार्य की शुरुआत की जाएगी। 

तख्त साहिब के जथेदार सिंह साहिब ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर--मस्कीन का कहना है कि गुरु साहिब ने धन तो अनेक लोगों को दिया है पर सेवा गुरु ने विक्रमजीत सिंह साहनी, हरमनजीत सिंह जैसे लोगों की झोली में डाली है गुरु इन्हें और सामर्थ्य बख्शे और यह इसी तरह गुरु घर की सेवा करें।

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Mr.Sudeep Singh
Honoraray Media Advisor
DSGMC

Harsimrat Kaur Badal's Anger Erupted at the Center





शिरोमणी अकाली दल के एनडीए से अलग होने के बाद बीबी हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि अब एनडीए की घटक पार्टी नहीं रह गई है जिसकी कल्पना स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी  पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने की थी। 



एन.डी.ए को सबसे पहले बादल साहिब ने 13 सांसदों का समर्थन देकर बिना किसी शर्त देकर गठबंधन फर्ज निभाया था। पूर्व केन्द्रीय मंत्री बीबी हरसिमरत बादल का कहना है अगर तीन करोड़ पंजाबियों की पीड़ा और कृषि बिल के विरोध के बावजूद मोदी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है तो वह एनडीए के साथ नहीं रहना चाहेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा गठबंधन जो अपने सबसे पुराने सहयोगी की बात ही नहीं सुनता है और पूरे देश का पेट भरने वालों से नजरें फेर लेता है तो फिर वह गठबंधन पंजाब के हित में कदापि नहीं हो सकता।

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Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
DSGMC





New Farmers Bill Gave Strength to Shiromani Akali Dal

   देश की बदकिस्मती अन्नदाता सड़कों पर - सरकार बनी तमाशबीन

मोदी सरकार द्वारा किसान बिल लाये जाने के बाद से देशभर का किसान इसके विरोध में खड़ा हो गया है। किसानों को अपना भविष्य अन्धकार में दिखाई दे रहा है। उन्हें लगता है इस एक्ट का पूरा फायदा चंद कारपोरेट घरानों को होगा और जमींदार पूरी तरह से तबाह हो जायेंगे पर वहीं मोदी सरकार इसे किसान हितैषी बता रही है। 

पूरे देश में खासकर पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा इस एक्ट के खिलाफ सड़कों पर आकर मोर्चे लगाए जा रहे हैं। रेलें रोकी जा रही है। राजनीतिक पार्टियां, गायक, कलाकर जमींदारों के समर्थन में आ गए हैं पर दुख की बात कि पंजाब का लाला चुप बैठा है उल्टा भाजपा से जुडे लोग घर.घर जाकर इस एक्ट के फायदे गिनवाते दिख रहे हैं। सवाल यह बनता है कि आखिर मोदी सरकार ने किस दबाव में आकर एकाएक इस एक्ट को लागू करने में जल्दबाजी़ की। मौजूदा समय में पूरा देश कोरोना की चपेट में है व्यापार बंद होने की कगार पर हैं लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं और अब किसानों के प्रदर्शन ने सबको हिलाकर रख दिया हैं राष्ट्रपति द्वारा भी जल्दबाजी में हस्ताक्षर कर इसकी मंजूरी दे दी गई जिससे साफ है कि इसके पीछे कोई तो है जिसके दबाव में मोदी सरकार कार्य कर रही हैं। 

बुद्धिजीवियों की मानें तो उस देश का भविष्य पूरी तरह से अन्धकारमयी है जिसका अन्नदाता सड़कों पर आ जाये और सरकार बावजूद उसकी परवाह किये बगैर अपनी मनमानी करे। 

सिख ब्रदर्सहुड इंटरनेशनल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने टवीट कर किसानों को एक साल तक खेती ना करने की सलाह दी है जब एक साल देश में अन्न नहीं उगेगा तो सरकार की अक्ल स्वंय ठिकाने पर आ जायेगी।

कृषि बिल ने शिरोमणी अकाली दल को दी ताकत

शिरोमणी अकाली दल जो कि पंजाब में एक तरह से हाशीये की तरफ जा रहा था। विरोधी पार्टियों द्वारा पंजाब में शिरोमणी अकाली दल को किसी ना किसी बहाने से घेरा जा रहा था। खास तौर पर 2017 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद तो शिरोमणी अकाली दल को अपने आप को खड़ा करने के लिए पूरी तरह से दबाव में लिया जाने लगा। दल के अध्यक्ष स. सुखबीर सिंह बादल ने जब से दल की कमांड संभाली है उन पर वरिष्ठ अकाली नेताओं को नजर अंदाज किये जाने की बात दबी जुबान में लोगों द्वारा कही जाने लगी। शिरोमणी अकाली दल जिसका केन्द्र में भाजपा के साथ गठबंधन था इस कारण वह हमेशा ही विरोधियों के दांव पेंच से बचती रही।

लेकिन मानसून सैशन में जैसे ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकसभा में कृषि बिल को ला कर पास किया गया। उसको देखते हुए अब शिरोमणी अकाली दल का भाजपा के साथ अपना धर्म निभाना मुश्किल हो गया। नाखून-मांस के रिश्ते की परवाह किए बिना अकाली दल के कोटे से एकमात्र मंत्री श्रीमति हरसिमरत कौर बादल ने कृषि बिल के रोष में अपने मंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे दिया और अपना पूर्ण समर्थन किसानों को देते हुए कहा कि जिस प्रधानमंत्री को देश के किसानों का दर्द नहीं पता उसके साथ वह किसी भी तरह का नाता नहीं रखेगी। वैसे भी देखा जाये तो इस रिश्ते को अकाली दल द्वारा ही सही अर्थों में निभाया जा रहा था भाजपा की ओर से तो कभी भी सही मायने में रिश्ता नहीं निभाया गया। 

श्रीमति हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफा देने के बाद विरोधियों द्वारा अकाली दल को चारो तरफ से घेरा जाने लगा कि श्रीमती बादल का इस्तीफा तो आँखों में धूल झोकने वाला है। असलियत में तो शिरोमणी अकाली दल का भाजपा के साथ गठबंधन पूरी तरह से बना हुआ है। विरोधियों को उन्ही की भाषा में घेरते हुए दल के अध्यक्ष स. सुखबीर सिंह बादल ने तुरन्त भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन  यह कहकर तोड़ लिया कि वह केन्द्र सरकार के इस काले कानून के पूरी तरह से विरूद्ध हैं और अपनी पार्टी का समर्थन किसानों को देंगे।

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Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
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Royal Canadian Mounted Police Reverses Mask Policy for Bearded Officers


Prime minister said policy discriminated against officers who keep beards for religious reasons

The RCMP has reversed its policy on mask-wearing after being accused of discrimination over the rule, which saw bearded Mounties — including Sikh and Muslim officers — reassigned to desk duty.

The policy, which was condemned by both activists and Prime Minister Justin Trudeau, required front-line officers to wear properly fitted N95 respirator masks — something that isn't always possible for RCMP members who wear beards for religious reasons.

The RCMP says affected members across the country may return to operational duties, with a mask, under certain circumstances.

Bearded members will be sent out to calls only if the risk of exposure is low or multiple responding officers will be present.

https://www.cbc.ca/news/canada/british-columbia/rcmp-reverses-mask-policy

 

Dr. Gurdeep Kaur
Associate Professor
Sri Guru Nanak Dev Khalsa College
University of Delhi