Tuesday, January 12, 2021

Farmers Dig Up Bore Well At Singhu Border For Incessant Water Supply



Farmers dig up bore well at Singhu border for incessant water supply CHANDIGARH, Punjab—Giving a gesture about their firm stance to fight peaceful battle against farm laws till end, the hardihood farmers have dug up water bore well at Singhu border near the venue of langar being organized by Baba Sewa Singh Qila Anandgarh Wale. This bore well has been dug to facilitate incessant water supply to fulfill the daily needs of protesting farmers. 

Almost all the community kitchens setup at Delhi border are being provided water from this bore well. Interacting with media, Bhai Sukhjinder Singh Naura Wale informed that the farmers at Delhi border were facing problems due to insufficient supply of water due to which they have dig up a permanent bore well to draw ground water. He further informed that toilets and washrooms have also been setup along with a temporary sewage system near the residential tents of farmers. “Keeping in view the problems arising due to rain, a 140 feet long shed has also been erected for the cooking area at Singhu border,” he added

https://www.sikh24.com/2021/01/08/farmers-dig-up-bore-well-at-singhu-border-for-incessant-water-supply/#.X_0lPnYzbIU

Jaswinder Singh Jolly: Kejriwal Government Should Implement Minorities Schemes Properly

 

केजरीवाल सरकार अल्पसंख्यकों के लिए बनी योजनाओं को सही तरीके से लागू करे: जसविंदर सिंह जौली

दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के माइनॉरिटी सेल के चेयरमैन स. जसविंदर सिंह जौली ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कहा है कि दिल्ली सरकार अल्पसंख्यकों के लिए स्कीमों को प्रभावशाली ढंग से लागू करवाएं।

मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में स. जौली ने कहा कि दिल्ली की एस.सी., एस.टी., व अल्पसंख्यकों की भलाई के लिए विभाग की वैबसाईट पर स्कीमों का लाभ पात्र एस.सी., एस.टी व ओ.बी.सी को दर्शाया गया है पर इस में अल्पसंख्यकों का कहीं भी ज़िक्र नहीं है जो कि पहले इस वेबसाईट पर था। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक शब्द क्यों हटाया गया यह तो दिल्ली सरकार ही जानती है पर हमारी माँग है कि अल्पसंख्यकों के लिए बनाई गई योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाना चाहिए तांकि सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल सके।
स. जौली ने कहा कि दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी अल्पसंख्यक सिख भाईचारे की भलाई के लिए कार्य कर रही है और स्कूल व कॉलेज सहित अनके शैक्षिक संस्थान चला रही है। अल्पसंख्यकों के लिए स्कीम का सभी को लाभ मिलना चाहिए। वेबसाइट पर डाली गई जानकारी का अध्ययन करने पर यह सामने आया है कि कई स्कीमों में अल्पसंख्यकों को काट दिया गया है जो बहुत गलत है जबकि विभाग की वेबसाईट पर स्पष्ट लिखा हुआ है कि विभाग एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी व अल्पसंख्यकों की भलाई के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिन स्कीमों में से अल्पसंख्यकों को हटा दिया गया है उन्हें पुनः जोड़ा जाए तांकि अल्पसंख्यकों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

Manjinder Singh Sirsa: Supreme Court's Orders Opened eyes of Those who described peasant movement as Pakistani and China

         
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद किसान आंदोलन को पाकिस्तानी व चीन का बताने वालों की आंखें खुलीं: मनजिंदर सिंह सिरसा


दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज किसानों के हक में दिए आदेशों से किसान आंदोलन को पाकिस्तानी व चीन की हिमायत प्राप्त बताने वालों की आंखें खुल गई हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए स. सिरसा ने कहा कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि किसानों को धरना जारी रखने का पूरा अधिकार है। देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले से किसान संघर्ष को बदनाम करने वालों की बोलती बंद हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तो यह भी कह दिया है कि केन्द्र सरकार जान बुझ कर किसानी मसला हल नहीं कर रही।

स. सिरसा ने कहा कि इस संकट का एकमात्र हल तीन कृषि कानूनों को रद्द करना है और जितना जल्द सरकार यह समझ कर कानून रद्द कर देगी तो मसला जल्दी हल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले तो इस संघर्ष को केवल पंजाब का बताया जा रहा था एवं हरियाणा के मुख्यमंत्री ने हरियाणा के, किसान आंदोलन में शामिल ना होने के बडे़-बड़े दावे किए थे पर अब स्वंय सारा देश देख रहा है कि हरियाणा के किसान किस तरह से मुख्यमंत्री के ही खिलाफ हो गए हैं।
स. सिरसा ने कहा कि किसान अन्नदाता है जिसके संघर्ष को पूरी दुनिया के लोगों ने देखा है व किसानों की हिमायत की है। अब सुप्रीम कोर्ट की हिमायत के बाद आशा है कि सरकार जल्दी ही अपनी जिम्मेवारी समझेगी और किसानों की इच्छा के मुताबिक कानून को रद्द कर देगी।

Saturday, January 9, 2021

मनजिंदर सिंह सिरसा:दिल्ली के बार्डर पर किसानों की एकत्रता ने सरकार के भरम-भुलेखे दूर किए



दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी और शिरोमणि अकाली दल के राष्टीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि दिल्ली के बार्डर पर किसानों की एकत्रता ने केन्द्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा व यू.पी सरकार के भी भरम-भुलेखे दूर कर दिए हैं। यहां गाज़ीपुर बार्डर पर विशाल एकत्रता को संबोधित करते हुए स. सिरसा ने कहा कि केन्द्र सरकार तीन कृषि कानूनों के माध्यम से किसानों पर जुल्म ढाना चाहती थी पर किसानों ने सड़कों पर उतर कर सरकार को बता दिया है कि किसान जुल्म नहीं सहेगा व सरकार को कानून रद्द करने पड़ेंगे। 

किसान संघर्ष के प्रति असभ्य शब्दावली प्रयोग किए जाने की सख्त निंदा करते हुए स. सिरसा ने कहा कि हैरानी वाली बात है कि जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने परिवारों की कुर्बानी दी और देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बनाया आज उन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग बताया जा रहा है और जो सरकारों के टुकड़ों पर पलते रहे वह देश भगत करार दिए जा रहे हैं। स. सिरसा ने कहा कि बात हार या जीत की नहीं होती बल्कि संघर्ष की होती है व किसानों ने पूर्ण शांति मई ढंग से संघर्ष कर पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि अपने हकों के लिए शांति मई ढंग से प्रदर्शन कर सरकार को घेर लिया है।

स. सिरसा ने कहा कि हैरानी वाली बात है कि सरकार किसानों की फसल की जो एम.एस.पी तय करती थी उसे बंद करने पर तुली है जबकि अंबानी की कंपनी के लिए अगले 30 वर्षों के रेट तय कर दिये हैं और बता दिया है कि हर साल कितना रेट बड़ेगा। दिल्ली कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के लिए बेमिसाल एकत्र ने उनके जज्बे से सरकार इतनी घबरा गई है कि किसान एंथम लिखने वाले श्री बराड़ को गिरफ्तार कर लिया है और यही नहीं बल्कि उसके पिता को भी गिरफ्तार कर लिया है। 

उन्होंने कहा कि यह वही सरकार है जो पहले कहती थी कि हमारे खेती कानून बहुत अच्छे हैं और अब स्वंय मान गई है कि कानूनों में बहुत सारी ख़ामियाँ हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार भूल रही है कि हम वह लोग हैं जिन्होंने पगड़ी संभाल जट्टा लहर चलाई और अंगरेज़ों को झुकने के लिए मजबूर कर दिया और अब किसान संघर्ष के साथ केन्द्र सरकार को भी झुकना पड़ेगा। किसानों ने पगड़ी संभाल जट्टा की लड़ाई लड़ी थी और अंग्रेज भी झुक गए थे। इस सरकार को भी झुकना पड़ेगा।  


DSGMC:Serving Langar to Farmers Inside Vigyan Bhawan and To General Public Outside Vigyan Bhawan








Guru Harkrishan Polyclinic, Bangla Sahib Organised A Medical Camp at Ghazipur Border For Farmers






International Webiar At Guru Harkrishan Public School (Shahdra) by Sapna Shivani Kekre



      अंतर्राष्ट्रीय वैबीनार में हिस्सा लेते हुए प्रिंसिपल सतबीर सिंह स्कूली अध्यापक

 दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष . मनजिंदर सिंह सिरसा और महासचिव हरमीत सिंह कालका के मार्ग दर्शन में हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल लोनी रोड शाहदरा की प्रबंधकीय समिति के पदाधिकारी को-चेयरमैन . परविंदर सिंह लक्की, मैनेजर . दलविंदर सिंह और प्रिंसिपल . सतबीर सिंह द्वारा विद्यार्थियों अध्यापकों के स्तर पर नये कार्य किए जा रहे हैं। जिसके तहत स्कूली प्रबंधकों द्वारा स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय वैबीनार का आयोजन किया गया। 
       मलेशिया की यूनाईटेड बॉए इंक की फाउंडर मैडम सपना शिवानी 


वैबीनार में मलेशिया की यूनाईटेड बॉए इंक की फाउंडर मैडम सपना शिवानी ने मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुईं। स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा उनका स्वागत करते हुए स्कूल के अध्यापकों से शुरूआती जान-पहचान कराई गई। इस मौके पर मैडम सपना ने अध्यापकों को स्कूली शिक्षा के स्तर में विश्व स्तर पर रही चुनौतियों के बारे में संबोधित करते हुए कहा कि वैश्वीकरण के युग में आज समाज को जिस सब से बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है वह शिक्षा के क्षेत्र में रहे नये बदलाव सबंधी है।

समाज द्वारा अध्यापकों से आशा की जाती है कि वह विद्यार्थियों को मानसिक तनाव से मुक्त शिक्षा देने के लिए आग आयें इस लिए स्कूली अध्यापकों को अपने विषय को रौचकपूर्ण बनाने के लिए गतिविधियों को सहारा लेना चाहिए। खास तौर पर पाठ्यक्रम के अलावा विद्यार्थियों को खेल-खेल के माध्यम से सीखने की विधि अपना कर उनसे खुली बातचीत करते हुए बच्चों के मन में पैदा हो रही शंकाओं का निवारण करते हुए उन्हें पढ़ाई से जोड़ना चाहिए।

इस लिए मौजूदा समय में कोरोना काल में आनलाईन शिक्षा से जुड़ते हुए अध्यापकों ने जिस तरह विद्यार्थियों को अपनी पाठ्य पुस्तकों से जोड़ा है। वह बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है। उन्होंने अपने मुल्क मलेशिया के बारे में बताते हुए कहा कि यहां के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के बोझ से हटाते हुए गतिविधियों के माध्यम से सीखने पर ज़ोर दिया जाता है। भारती शिक्षा प्रणाली में भी इसे अपनाने की जरूरत है। 

वैबीनार के दूसरे हिस्से में स्कूली अध्यापकों ने प्रश्नोत्तर की शैली से रौचक भरपूर बना दिया। अध्यापकों ने आगे भविष्य में भी इस प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय वैबीनार कराने की स्कूल प्रबंधकों को अपील की। आखिर में स्कूल के संचालिका सरवजीत कौर ने धन्यवाद किया।

Dr.Gurdeep Kaur
Associate Professor
Sri Guru Nanank Dev Khalsa College
University of Delhi