1984 के सिख कत्लेआम में मुख्य दोषी सज्जन कुमार जो पिछले 2 वर्षों से जेल में बंद है, के द्वारा बिमारी का हवाला देकर ज़मानत के लिए अर्ज़ी दाखिल की गई थी जिसे अदालत द्वारा खारिज किये जाने के फैसले का स. आत्मा सिंह लुबाणा और दंगा पीड़ित परिवारों द्वारा स्वागत किया गया है साथ ही उनके द्वारा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी मनजिंदर सिंह सिरसा व महासचिव हरमीत सिंह कालका का धन्यवाद किया जिनके द्वारा निरंतर इस लड़ाई को लड़ा जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप ही सज्जन कुमार जेल की सलाखों के पीछे जा सका है और बाकी के कातिलों को भी जेल भेजने के लिए लगातार संघर्ष किया जा रहा है।
स. आत्मा सिंह लुबाणा ने कहा कि सज्जन कुमार द्वारा नामचीन वकीलों की मदद से बीमारी का बहाना लगा कर ज़मानत लेने के लिए पूरी कोशिश की गई पर हम आभारी हैं जज साहिब के जिन्होंने ज़मानत देने से साफ इन्कार कर दिया। उन्होंने साथ ही सी.बी.आई सरकारी वकील अटाॅर्नी जनरल, स. एच.एस फुल्का और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा केस की पैरवी कर रहे वकील स. गुरबख्श सिंह, अभिनय मिश्रा व अन्यों का भी आभार किया जिनके द्वारा ज़मानत का पुरज़ोर विरोध किया गया।
स. लुबाणा ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमितशाह, दिल्ली कमेटी अध्यक्ष
मनजिंदर सिंह सिरसा, महासचिव हरमीत सिंह कालका व लीगल सेल
चेयरमैन जगदीप सिंह काहलों का भी खास तौर पर धन्यवाद किया।