हरियाणा सरकार ने किसानों के शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने के अधिकार को रोक कर भारत के संविधान को शर्मसार कियाः मनजिंदर सिंह सिरसा
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि हरियाणा सरकार ने किसानों के शांतिपूर्वक प्रदर्शन के अधिकार को रोक कर भारत के संविधान को शर्मसार किया है।
यहां जारी किए एक बयान में स. सिरसा ने कहा कि आज संविधान दिवस है और आज के दिन भारत ने अपने संविधान को अपनाया था जिसमें सब को अपनी बात रखने का बराबर अधिकार दिया हुआ है पर यह बहुत ही शर्म की बात है कि हरियाणा की सरकार ने हरियाणा पुलिस के माध्यम से किसानों को अपनी आवाज़ रखने से रोका, उन पर लाठी बरसाई, आंसू गैस के गोले छोड़े व पानी की तेज़ बौछारों से हमले किये।स. सिरसा ने कहा कि हरियाणा सरकार केवल केन्द्र सरकार की चापलूसी करने के लिए उसे खुश करने के लिए ऐसी हरकतों पर उतरी और उसने अन्नदाता पर लाठियां बरसाईं। उन्होंने कहा कि उस अन्नदाता पर हमला किया गया जिस अन्नदाता के हाथों में हल चलाते-चलाते छाले पड़ गए और देश के लिए अनाज पैदा करते-करते हाथ पक गये। स.सिरसा ने कहा कि हरियाणा सरकार की इस हरकत के कारण हर देश वासी की आखों में आंसू हैं।
स. सिरसा ने कहा कि आज के दिन जो हरियाणा की सरकार ने किया उससे 1982 का इतिहास दोहराया गया है। 1982 में उस वक्त इंदिरा गांधी के कहने पर भजन लाल ने हरियाणा के मुख्य मंत्री होते हुए स. प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई वाले जत्थे को दिल्ली आकर केन्द्र के खिलाफ प्रदर्शन करने से रोकने का असफल प्रयास किया था। जबकि स. बादल व साथी दिल्ली पहुंच गये थे और उन्होंने एशियाड खेलों के समय काले गुब्बारे छोड़ कर इंदिरा गांधी के विरूद्ध रोष प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि आज भी केन्द्र को खुश करने के लिए हरियाणा की सरकार ने ठीक उसी तरह किसानों को अपनी बात करने और प्रदर्शन करने से रोका पर किसान सभी बैरीकेड तोड़ कर आगे बढ़ गए हैं और केन्द्र के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह केन्द्र और हरियाणा सरकार को बताना चाहते हैं कि वह चाहे अन्नदाता पर जितना भी जुल्म कर लें या बलप्रयोग कर लें, किसान अपना हक लेना जानता है और लेकर रहेगा।
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