दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने बार्डरों पर डटे
किसानों के लिए लगाया दस्तार का लंगर
नौजवानों को अपनी विरासत व सिखी से जोड़ना मुख्य मकसदः मनजिंदर सिंह सिरसा
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बार्डरों पर डटे किसानों के लिए अब दस्तारों का लंगर लगा दिया है।
आज यहां सिंघू बार्डर पर कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने स्वंय एक विशेष कैंप में पहुंच कर नौजवानों के सिर पर दस्तार सजाने की सेवा की। इस मौके पर स. सिरसा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमारा मुख्य मकसद नौवानों को अपनी विरासत और सिखी से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि आज सुबह तकरीबन 450 नौजवानों के सिर पर दस्तारें सजाईं गईं हैं। उन्होंने बताया कि इस विशेष कैंप को लेकर नौजवानों में बहुत उत्साह है और खास तौर पर पंजाब और हरियाणा के नौजवान किसान इस कैंप में आकर दस्तार सजा रहे हैं एवं दस्तार सजाने की ट्रेनिंग भी ले रहे हैं।
स. सिरसा ने बताया कि इससे पहले कमेटी द्वारा संघर्ष की शुरुआत में लंगर की सेवा शुरु की गई थी जिसके बाद दवाईयों व एंबुलेंस की सेवा की गई रोटी बनाने वाली मशीनें तैनात की गईं ओर इसके बाद रैन बसेरे बनाए गए व आज दस्तारों के साथ-साथ पिन्नी की सेवा गई और संघर्ष कर रहे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली पिन्नियां बांटी गईं तांकि इन्हें कड़कती ठंड के प्रभाव से बचाया जा सके।
इस दौरान दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी द्वारा चार साहिबज़ादों सहित अन्य धार्मिक फिल्में संगतों के लिए दैनिक आधार पर दिखाईं जा रही हैं। उन्होंने बताया कि कमेटी द्वारा गुरु साहिब के दर्शाए मार्ग पर चलते हुए जहां संगत की सेवा की जा रही है वहीं ज्यादा से ज्यादा संगत को अपने गौरवमई इतिहास से परिचित करवाने का भी प्रयास किया जा रहा है उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों मे यह सेवा और भी तेज़ की जायेगी और किसानों के लिए अन्य किसी भी प्रकार की जरूरत होगी तो उसकी भी सेवा की जाएगी।
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