सुबह अमृत वेले से दीवान सजाये गये जिसमें पंथ प्रसिद्ध कीर्तनीय
जत्थों ने गुरबाणी का मनोहर कीर्तन संगतों को श्रवण करवाया, गुरबाणी विचार हुई। कार सेवा वाले बाबा बचन सिंह द्वारा संगतों को नाम
सिमरन करवाया गया। जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने आज संसार भर की संगत से सुबह 10
से 10.15 तक मूलमंत्र और गुरमंत्र का
जाप कर साहिबज़ादों की शहादत को याद करने की अपील की थी जिसके चलते संगत ने
मूलमंत्र का जाप किया।
कमेटी अध्यक्ष एवं महासचिव ने अपने सम्बोधन में कहा गुरु साहिब के 2 बड़े साहिबज़ादे चमकोर की जंग में शहीद हुए वहीं 2 छोटे साहिबज़ादे और माता गुजरी जी ने ठण्डे बुर्ज में रात गुज़ारने के पश्चात साहिबज़ादों को सरहंद की दीवारों में चुनवा दिया गया। इसी के चलते 20 दिसंबर से लेकर 27 दिसंबर तक हर वर्ष शहीदी सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। हमें अपने बच्चों को अपने इस गौरवमई विरसे की जानकारी अवश्य देनी चहिए क्योंकि अगर बच्चों को इसकी जानकारी मिल जाये तो वह कभी भी सिखी से दूर नहीं जा सकते।
इस मौके पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की धर्म प्रचार के चेयरमैन जतिन्द्रपाल सिंह गोल्डी, कमेटी सदस्य अमरजीत सिंह पिंकी, माता सुन्दरी गुरूद्वारा के चेयरमैन सुखविन्दर सिंह बब्बर के अलावा बड़ी गिनती में संगत ने हाजरी भरी।
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