दिल्ली
गुरुद्वारा कमेटी द्वारा किसान संघर्ष की सफलता के लिए सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारों
में विशेष अरदास समागम आयोजित
स. सिरसा व स. कालका ने कहा कि किसानों को खालिस्तानी या आतंकवादी कहना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसा केवल आंदोलन को फेल करने के लिए किया जा रहा है व इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले कहा गया कि यह पंजाब के किसानों का आंदोलन है और फिर कहा गया कि खालिस्तान का आंदोलन है जिसका उचित जवाब हरियाणा के खाप नेताओं ने दिया है जिन्होंने कहा कि खाप पंचायतों के सदस्य पंजाब के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं।
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष व महासचिव ने कहा है कि हैरानी वाली बात है कि एक किसान जो दिल्ली के बार्डर पर आंदोलन में बैठा है और उसके पुत्र देश की सरहदों की रक्षा करते हुए शहीद हो रहे हैं और ऐसे किसानों को आतंकवादी कहने वाले वास्तव में स्वंय देश विरोधी है । जबकि वास्तविकता यह है कि देश का हर वर्ग आज किसानों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है।
उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन की सफलता के लिए जहां दिल्ली
गुरुद्वारा कमेटी के सभी ऐतिहासिक गुरुधामों में विशेष अरदास समागम हुए वहीं कमेटी
ने सभी सिंह सभाओं को भी ऐसे अरदास समागम करने की अपील की थी जिसके पश्चात इनके
द्वारा भी ऐसे कार्यक्रम किये गए।
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