छोटे बच्चों व किशोरों को गुरबाणी से जोड़ने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी ने एक विशेष प्रतियोगिता शुरू की है। इस प्रतियोगिता के तहत विजेताओ को 5100-5100 रुपये और 2100-2100 रुपये के विशेष पुरस्कार देकर नवाजा जाएगा। यह घोषणा दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के मेंबर सरवजीत सिंह विर्क ने की। वे रविवार को रोहिणी सेक्टर -16 में श्री सुखमणि साहिब पाठ के समापन पर संगत को संबोधित कर रहे थे।
विर्क ने बताया कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा की सोच है कि देश और कौम दी चढ़दी कला के लिए गुरसिखी जीवनयापन अति जरूरी है। बच्चों को गुरबाणी से जोड़ कर ही यह मुकाम हासिल किया जा सकता है। स. विर्क ने बताया कि बच्चों व किशोर वर्ग को गुरबाणी से जोड़ने व उसमें उत्साह भरने के लिए गुरबाणी कंठ मुकाबला शुरू करने का फैसला लिया गया है। उन्होने बताया कि करीब चार महीने पहले जून में यहां श्री सुखमणि साहिब पाठ की श्रृंखला शुरु की गई थी।
सन् 1984 के दंगा पीड़ित सिख परिवारो के बच्चो को यहां विशेष रूप से प्रोत्साहित करने के लिए यह मुकाबले शुरू किए जा रहे हैं। मुकाबले के तहत श्री सुखमणि साहिब पाठ की पहली 6 पौड़ी जुबानी (कंठस्थ) सुनाने वाले सभी बच्चों व किशोरों को 2100 -2100 रुपये, अगली 6-6 पौड़ी जुबानी (कंठस्थ) सुनाने वाले सभी बच्चों व किशोरों को भी 2100 -2100 रुपये और श्री सुखमणि साहिब पाठ की सभी 24 पौड़ी जुबानी (कंठस्थ) सुनाने वाले सभी बच्चों व किशोरों को 5100-5100 रुपये प्रोत्साहन स्वरूप ईनाम दिया जाएगा।
स. विर्क ने स्पष्ट किया कि यह सारी ईनाम राशि वे निजी कोष से देंगे। उन्होने बताया कि दिल्ली कमेटी के प्रधान स. मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में कमेटी द्वारा जरूरतमंद लोगों की हर संभव सहायता की जा रही है।
इसी कड़ी में आज बच्चों व किशोरो को दस्तारे वितरण की गई है। उन्होंने माताओ को आह्वान किया कि वे अपने बच्चों और परिवार मुखिया को सिखी, गुरबाणी और बाणे से जोड़ कर रखें। इसके अलावा बच्चों को गौरवमयी सिख इतिहास से भी जोड़ें, ताकि उनके भीतर देश, समाज और कौम के प्रति जज्बा पैदा हो और वे इसकी सेवा को समर्पित हो सके।
समापन पर स. विर्क ने सारी संगत से आह्वान किया कि कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों की पालना करें। मास्क का प्रयोग करते हुए सामाजिक दूरी बना कर रखें। इस दौरान आई संगत के लिए गुरु के लंगर की व्यापक व्यवस्था की गई।
इस अवसर पर अवतार सिंह, बलकार सिंह,
दलेर सिंह, गुरमीत सिंह, बलविंदर सिंह, मक्खन सिंह, सलविंदर सिंह, दिलबाग सिंह, गुरदेव सिंह व जसबीर सिंह मौजूद रहे
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