दिल्ली कमेटी एवं माई भागो ब्रिगेड द्वारा शहीद भाई तारु सिंह की
जन्म शताब्दी को समर्पित होकर करवाई गई विचार गोष्ठी
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी एवं माई भागो ब्रिगेड शिरोमणी
अकाली दल स्त्री विंग द्वारा शहीद भाई तारु सिंह जी की जन्म शताब्दी को समर्पित
होकर विचार गोश्ठी करवाई गई जिसमंे कथा वाचक भाई बंता सिंह, गुरमत कालेज के चेयरमैन हरिन्दरपाल सिंह, स्त्री
अकाली दल दिल्ली प्रदेश की अध्यक्षा बीबी रणजीत कौर, दिल्ली
कमेटी धर्म प्रचार के चेयरमैन जतिन्दरपाल सिंह गोल्डी, पंजाबी
हैल्पलाईन के मुखी प्रकाश सिंह गिल, प्रोः. हरबंस सिंह,
माई भागो ब्रिगेड की संरक्षक गुरचरन कौर, अध्यक्षा मनप्रीत कौर, पूर्वी दिल्ली अध्यक्षा
हरमीत कौर सहित अन्य बुद्विजीवियों ने पहुंचकर विचार किये।
बीबी रणजीत कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते दिनांे जब
उन्होंने माई भागो ब्रिगेड का गठन किया तो उसी समय दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक
कमेटी अध्यक्ष मनजिन्दर सिंह सिरसा एवं महासचिव हरमीत सिंह कालका ने ब्रिगेड की
जिम्मेवारी लगाई कि शहीदों के दिन ब्रिगेड द्वारा मनाये जायेंगे।
बीबी रणजीत कौर ने बताया कि आज की विचार गोष्ठी में यह निर्णय लिया गया कि भाई तारु सिंह जी की जन्म शताब्दी जो कि अक्टूबर माह में आ रही है उसे मनाने के लिए कार्यक्रम रखे जायेंगे। सैमीनार करवाये जायेंगे, उनके जीवन पर बनी फिल्म को दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में दिखाने का प्रयास किया जायेगा, शार्ट मूवीज बनाकर उसे सोशल मीडीया दिखाया जायेगा, उनके जीवन पर आधारित बुकलेट छपवाकर दिल्ली के घर घर में पहुंचाई जायेगी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाई तारु सिंह की शहादत के बारे में पता चल सके।
जतिन्दरपाल सिंह गोल्डी ने बताया कि दिल्ली कमेटी और माई भागो ब्रिगेड द्वारा संयुक्त रुप से कार्य करते हुए बच्चांे को सिख इतिहास की जानकारी मिल सके एक आन लाई प्रतियोगिता करवाई जा रही है जिसका शीर्षक है ‘‘ सिर जाये ते जाये - मेरा सिखी सिदक ना जाये’’ जिसमंे बच्चांे द्वारा भाग लेते हुए सिख शहीदों के जीवन पर कविता, पेन्टिंग, आर्टीकल जो भी बच्चे कर सकें करने को कहा गया है और विजयी बच्चों को पुरस्कृत कर सर्टिफिकेट भी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी द्वारा दिये जायेंगे।
उन्होंने कहा दिल्ली कमेटी
अध्यक्ष मनजिन्दर सिंह सिरसा, महासचिव हरमीत सिंह कालका
की हमेशा यही सोच रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को खासकर युवा पीड़ी को सिख इतिहास
और शहीदों की जानकारी दी जा सके। उनका मानना है कि इसमें सबसे अधिक योगदान माताओं
का है अगर उन्होंने अपने बच्चों को गुरु गोबिन्द सिंह जी के साहिबजादों की शहादत,
भाई मतिदास, भाई सतिदास, भाई दयाला जी, भाई तारु सिंह जी, बंदा सिंह बहादुर की शहादत की गाथाएं सुना दीं तो बच्चा कभी भी सिखी से
दूर नहीं जा सकता।
News Courtesy,
Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
DSGMC
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