Mr.Sudeep Singh ,
भारतीय जनता पार्टी का नारा है सबका साथ
सबका विकास। लेकिन इसके बावजूद भी इस पार्टी के साथ समाज के सभी वर्ग पूरी तरह से
नहीं जुड़ रहे हैं। कहने को भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणी अकाली दल का गठबंधन
वर्षों पुराना है। इसी गठबंधन के चलते हुए दोनों दलों द्वारा पंजाब में विधानसभा व
संसदीय चुनाव मिलकर लड़े जाते हैं। शिरोमणी अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष स. सुखबीर
सिंह बादल तो इस रिश्ते की ऐसे उदाहरण देते हंैं कि दोनों पार्टियों का रिश्ता
नाखून और मास वाला रिश्ता है। उनका मानना है कि केन्द्र में जब भी कांग्रेस का राज
आया तो उसने हमेशा सिक्खों के साथ बेगानगी वाला व्यवहार रखा। खास तौर पर 1984
हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और
दिल्ली की सिक्ख सियासत को समझने वाले लोग
यह भली भांति जानाते हैं कि राजनीति में ना तो कोई दुश्मन होता है और ना ही कोई
दोस्त। राजनीति में यह कहावत पूरी तरह से सिद्ध होती है कि हाथी के दांत खाने के
और दिखाने के और। केन्द्र में भाजपा और शिरोमणी अकाली दल (बादल) का आपसी गठबंधन
है। लेकिन इसके बावजूद दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की चाहत है कि दिल्ली के
सिक्ख उनके साथ जुड़े। किसी समय दिल्ली भाजपा में पंजाबियों की तूती बोलती थी।
लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता पंजाबी समुदाय के लोग हाशिये पर जाते चले गये।
सिक्ख समुदाय
के लोग भी भाजपा से बनता मान सम्मान ना मिलने के कारण किनारा करने लगे क्योंकि
भाजपा नेताओं की नीति के अनुसार दिल्ली प्रदेश में एक आध सिख नेता को शामिल कर
बाकी पूरी दिल्ली में सिखों को अपनी ओर खीेंचने के प्रयास पार्टी द्वारा किये जाते
हैं पर उन्हें सफलता नहीं मिल पाती। पार्टी को चाहिए कि अगर वाक्य में ही सिक्खों
को अपने साथ जोड़ने की मंशा रखते हैं तो उन्हें पूरा सम्मान देना चाहिए। मौजूदा समय
में भी दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष का पद स. कुलवंत सिंह बाठ और राष्ट्रीय महामंत्री
का पद स. आर.पी. सिंह को दिया गया है। जब से दिल्ली प्रदेश भाजपा में आदेश गुप्ता
की ताज पोशी की गई है।
नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष द्वारा यह ऐलान किया जाना कि
दिल्ली में पार्टी का पुर्नगठन किया जा रहा है। इसके लिए यहाँ वह नौजवानों को मौका
देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। भाजपा अगर सच में दिल्ली के सिक्खों को अपने साथ
जोडना चाहती है तो उसको दिखावे के लिए दिए गये पदों से ऊपर उठते हुए मण्डलों,
अब देखने वाली
बात यह है कि आने वाले समय में प्रदेश भाजपा क्या सच में दिल्ली के सिक्खों को
भाजपा से जोड़ पायेगी। भाजपा को अपने उन नेताओं की मानसिकता में भी बदलाव लाना होगा
जो बिना सोचे समझे यां फिर जानबूझकर सिखों की आन-बान-शान के खिलाफ टिप्पणिया करते
हैं जैसा कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने किया
Article Courtsey,
Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
DSGMC
&
Chairman
Bhai Lalo ji Gurdwara
Rani Bagh,Delhi
&
Editor in Chief ,Janhit News
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