किसके
सिर सजेगा-दिल्ली कमेटी का ताज?
दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की स्थापना
1971 में संसदीय एक्ट के तहत की गई। दिल्ली कमेटी की
स्थापना का मुख्य उद्देश्य यह था कि दिल्ली में गुरू साहिबान की चरण छोह प्राप्त
स्थान ऐतिहासिक गुरुद्वारों का प्रबंधन ठीक ढंग से हो। सिक्ख संस्थाओं को सुचारू
ढंग से चलाया जाये। सिक्ख धर्म का प्रचार-प्रसार नवीनतम ढंग से हो। नौजवानों को
ज्यादा से ज्यादा सिक्ख गुरू साहिबान की शिक्षाओं पर चलने की प्रेरणा दी जाये।
दिल्ली कमेटी के चुनाव संसदीय एक्ट के अनुसार 4 वर्ष बाद
आयोजित किये जाते हैं। इन चुनावों में सिर्फ दिल्ली के सिक्ख वोटर ही हिस्सा ले
सकते हैं। गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने 2021 में कमेटी
के चुनाव करवाने की तैयारी एक तरह से आरंभ कर दी है। निदेशालय द्वारा वोटर सूची
में संशोधन का कार्य 22 अक्तूबर से आरंभ कर दिया जायेगा।
वोटों में संशोधन का कार्य 22 नवंबर 2020 तक चलेगा। वोट आनलाईन व आफलाईन दोनों तरीके से बनाई जायेंगी।
दिल्ली कमेटी में किसकी बनेगी सरकार
2021 के दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में
किसकी सरकार बनेगी। इसके लिए दिल्ली के सिक्खों में अभी से अटकलों का बाजार गर्म
हो गया है। इन चुनावों में मुख्य तौर पर शिरोमणी अकाली दल (बादल), शिरोमणी अकाली दल (दिल्ली), जग आसरा गुरू ओट
(जागो), पंथक अकाली दल, आम अकाली
दल, नेशनल अकाली दल, भाई रणजीत
सिंह जी पार्टीे व अन्य अनेकों छोटी-मोटी पार्टियाँ अपनी किस्मत अजमाने के लिए
मैदान मंे उतरेंगी। मौजूदा समय में दिल्ली कमेटी पर शिरोमणी अकाली दल (बादल) का
कब्जा है। लगातार दो बार दिल्ली की सिक्ख संगत ने उन पर भरोसा किया हुआ था। मौजूदा
कमेटी के अंदर भी समय-समय पर कई तरह के समीकरण बनते रहे हैं। पूर्व
में स. मनजीत सिंह जीके शिरोमणी अकाली दल के साथ खड़े थे। लेकिन अब उनके द्वारा
अपनी अलग से पार्टी बना ली गई है। करोड़ों रूपये के बजट वाली दिल्ली कमेटी के
इतिहास में अभी तक ज्यादा बार चुनाव तय समय पर नहीं हुए हैं। लेकिन मौजूदा समय में
लग रहा है कि चुनाव तय समय पर हो जायेंगे।
बादल दल पर दिल्ली की संगत पुनः भरोसा करेगी?
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी में 2013 से
अकाली दल बादल सेवा में हैं हालांकि इस दौरान कई बार पार्टी बैकफुट पर गई पर कमेटी
के मौजूदा प्रधान मनजिन्दर सिंह सिरसा, महासचिव हरमीत
सिंह कालका सहित अन्य पदाधिकारियों ने बड़ी बाखूबी के साथ हर मुश्किल का सामना करते
हुए सेवा को निभाया है।
इस वर्ष कोरोना महामारी के दौरान कमेटी द्वारा किये गये प्रबन्ध और सेवा के जजबे की तारीफ देश ही नहीं विदेशों में भी हुई। कमेटी ने लंगर सेवा को निरंतर चलाया और केवल सिख ही नहीं बल्कि गैर सिखों को भी बिना किसी भेदभाव के लंगर दिया गया जो कार्य सरकारों को करना चाहिए था वह मौजूदा कमेटी ने किया।
कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबूलेस सेवा निरन्तर चलाई जा रही है। लोगों को सस्ती दवाईयां उपलब्ध करवाने के लिए बाला प्रीतम दवाखाना खोला गया और जल्द ही पूरी दिल्ली में इस तरह के दवाखाने खोलने की बात कही जा रही है। स्कूलों को लेकर कुछ परेशानी अवश्य चल रही है पर सिख बुधिजीवियों की मानें तो इसमें भी ज्यादा कसूरवार पिछली कमेटियां ही हैं जिनका किया मौजूदा प्रबन्धक भुगत रहे हैं। कोरोना के दौरान फीस ना आना भी एक कारण है पर फिर भी प्रबन्धकों की ओर से पूरी कोशिश करते हुए इस समास्या का समाधान किया जा रहा है जिसके सार्थक परिणाम आने वाले समय में दिखाई देंगे। इस सबसे प्रभावित होकर दिल्ली के अलग अलग कोनों से लोग निरन्तर अकाली दल में शामिल हो रहे हैं इस सब को देखते हुए लगता है कि संगत एक बार फिर से कमेटी की सेवा इनकी झोली में डाल सकती है।
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