दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी और शिरोमणि अकाली दल के राष्टीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि दिल्ली के बार्डर पर किसानों की एकत्रता ने केन्द्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा व यू.पी सरकार के भी भरम-भुलेखे दूर कर दिए हैं। यहां गाज़ीपुर बार्डर पर विशाल एकत्रता को संबोधित करते हुए स. सिरसा ने कहा कि केन्द्र सरकार तीन कृषि कानूनों के माध्यम से किसानों पर जुल्म ढाना चाहती थी पर किसानों ने सड़कों पर उतर कर सरकार को बता दिया है कि किसान जुल्म नहीं सहेगा व सरकार को कानून रद्द करने पड़ेंगे।
किसान संघर्ष के प्रति असभ्य शब्दावली प्रयोग किए जाने की सख्त निंदा करते हुए स. सिरसा ने कहा कि हैरानी वाली बात है कि जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने परिवारों की कुर्बानी दी और देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बनाया आज उन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग बताया जा रहा है और जो सरकारों के टुकड़ों पर पलते रहे वह देश भगत करार दिए जा रहे हैं। स. सिरसा ने कहा कि बात हार या जीत की नहीं होती बल्कि संघर्ष की होती है व किसानों ने पूर्ण शांति मई ढंग से संघर्ष कर पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि अपने हकों के लिए शांति मई ढंग से प्रदर्शन कर सरकार को घेर लिया है।स. सिरसा ने कहा कि हैरानी वाली बात है कि सरकार किसानों की फसल की जो एम.एस.पी तय करती थी उसे बंद करने पर तुली है जबकि अंबानी की कंपनी के लिए अगले 30 वर्षों के रेट तय कर दिये हैं और बता दिया है कि हर साल कितना रेट बड़ेगा। दिल्ली कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के लिए बेमिसाल एकत्र ने उनके जज्बे से सरकार इतनी घबरा गई है कि किसान एंथम लिखने वाले श्री बराड़ को गिरफ्तार कर लिया है और यही नहीं बल्कि उसके पिता को भी गिरफ्तार कर लिया है।उन्होंने कहा कि यह वही सरकार है जो पहले कहती थी कि हमारे खेती कानून बहुत अच्छे हैं और अब स्वंय मान गई है कि कानूनों में बहुत सारी ख़ामियाँ हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार भूल रही है कि हम वह लोग हैं जिन्होंने पगड़ी संभाल जट्टा लहर चलाई और अंगरेज़ों को झुकने के लिए मजबूर कर दिया और अब किसान संघर्ष के साथ केन्द्र सरकार को भी झुकना पड़ेगा। किसानों ने पगड़ी संभाल जट्टा की लड़ाई लड़ी थी और अंग्रेज भी झुक गए थे। इस सरकार को भी झुकना पड़ेगा।
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