Thursday, August 13, 2020

Mr.Sudeep Singh's Article :सिविल सेवाओं में सिख युवाओं का रूझान क्यों नहीं?

Mr.Sudeep Singh

      सिविल सेवाओं में सिख युवाओं का रूझान क्यों नहीं?
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा देश में हर वर्ष सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस परीक्षा में देश भर से लाखो युवा हर वर्ष सम्मिलित होते हैं। युवाओं में सबसे चाहत का विषय सिविल सेवाएँ ही हैं। परीक्षा पास करने वाले युवाओं में भारत के अलग-अलग प्रदेशों बिहार, यू.पी., राजस्थान और पूर्वी और दक्षिणी प्रदेशों के नौजवान भारी गिनती में शामिल होते हैं। लेकिन उत्तरी प्रदेशों हरियाणा और पंजाब के नौजवानों में इस परीक्षा के प्रति कोई शांैक पैदा नहीं हुआ है। इसका कारण जानने के लिए किसी भी संस्था ने कोशिश नहीं की है कि इन प्रदेशों के युवा सिविल सेवाओं में शामिल क्यों नहीं हो रहे हैं।

सिख नौजवानों की गिनती नाम-मात्र
सिविल सेवाओं में हर वर्ग, हर धर्म के नौजवान भारी गिनती में शामिल हो रहे हैं और इसमें सफलता भी हासिल कर रहे हैं। इस बार के सिविल सेवाओं के रिजल्ट में यहाँ पर बहुसंख्यक वर्ग के युवा सफल हुए हैं वहीं पर कश्मीर से मुस्लिम वर्ग के नौजवानों ने भी काफी गिनती में सफलता हासिल की है। पिछले वर्ष भी कश्मीर से काफी युवा इस परीक्षा में सफल हुए थे। अगर बात करें पंजाब प्रदेश की तो इस प्रदेश के सिख और पंजाबी नौजवानों की गिनती सिविल सेवा परीक्षा में नाम-मात्र ही नजर आती है। सिख धर्म के बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ स्टेजों से तो शोर डालते रहते हैं कि हमारे साथ केन्द्र हमेशा धक्का करता है। नेताओं को समझना चाहिए कि देश को राजनीतिक नहीं ब्लकि ब्यूरोक्रेटस चलाते हैं। जब तक हम अच्छे सिख यां पंजाबी ब्यूरोक्रेटस तैयार करके नहीं भेजेंगे हमारे साथ यह धक्का होता ही रहेगा।

आज केन्द्र सरकार ने यह परीक्षा पंजाबी भाषा में देने की सुविधा भी नौजवानों को दी है। इसके बावजूद भी पंजाबी नौजवानों का इसके प्रति उदासीन रवैया अपने आप में प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। सिक्खों की सबसे बड़ी धार्मिक कमेटियाँ शिरोमणी गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली सिक्ख गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी जिनका वार्षिक बजट करोड़ों रूपये में है। बावजूद इसके इन कमेटियों के मुखियों द्वारा भी कोई खास पहल नहीं की गई है जिससे बच्चों को सिविल परीक्षाओं में रुचि पैदा करवाई जा सके।  देश की राजधानी से संधू ब्रदर्स पंजाबी भाषा से सिविल सेवाओं की परीक्षा पास कर चुके है और आई.ए.एस. तथा आई.पी.एस. बन चुके हैं।

एक अंदाजे के अनुसार अब तक पंजाबी भाषा में सिविल सेवाओं की परीक्षा पास करने वाले नौजवानों की गिनती 10 के लगभग पहुँच चुकी है। सबसे पहले परीक्षा पास करने वाले श्री वीरेन्द्र शर्मा जो आजकल लुधियाना के डिप्टी कमिशनर के ओहदे पर बिराजमान है द्वारा पंजाबी भाषी नौजवानों के लिए रास्ता खोला गया था।

दशमेश अकादमी और पंजाबी हैल्पलाईन द्वारा जागरूकता अभियान
नौजवानों को ज्यादा से ज्यादा गिनती में सिविल सेवाओं की परीक्षा में शामिल होने के लिए दिल्ली की दो संस्थाएँ मुख्य रोल अदा कर रही हैं। इनमें रामाकृष्ण पुरम सैक्टर 5 के गुरुद्वारा नानक दरबार में चलाई जा रही दशमेश अकादमी है। इस अकादमी से जुड़े हुए लेडी हार्डि्रंग मैडीकल कालेज के डॉ. हरमीत सिंह जिनका मुख्य जोर इस बात पर है कि नौजवानों को इस परीक्षा में शामिल करवाया जाये। कोरोना काल से पहले इस गुरुद्वारे में सप्ताह के अंत में शनिवार और रविवार को सिविल सेवाओं की कक्षाएँ लगाई जाती थी। इन कक्षाओं में भारत के अलग-अलग प्रदेशों के नौजवान लडके-लड़कियाँ शामिल होते थे। छात्रों को यहाँ पर नोटस दिये जाते थे वहीं पर उनके खान-पान का प्रबंध भी गुरुद्वारा साहिब द्वारा किया जाता था। लेकिन इस केन्द्र तक भी सिक्ख और पंजाबी नौजवान नहीं पहुँच रहे हैं। इस बात का अफसोस भी डॉ. हरमीत सिंह को है कि हमारे युवा क्यों नहीं पढने लिखने के आगे आ रहे हैं।

दिल्ली में पंजाबी भाषा का झंडा बुलंद करने वाली एकमात्र संस्था पंजाबी हैल्पलाईन जिसकी स्थापना 2005 में की गई थी। संस्था का मुख्य लक्ष्य छात्रों को ज्यादा से ज्यादा गिनती में सी.बी.एस.ई. की बोर्ड परीक्षा में पंजाबी विषय लेने के लिए प्ररेणा देना था। संस्था के अध्यक्ष स. प्रकाश सिंह गिल अपने साथी अध्यापकों प्रिंसीपल एस.पी.सिंह, मैडम जसविंद्र कौर, महेन्द्रपाल मुंजाल, सुनील कुमार बेदी व कुलदीप सिंह के साथ पंजाबी अध्यापकों और छात्रों के बीच जाकर पंजाबी भाषा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। आज इस संस्था के साथ सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, राजस्थान और जहाँ-जहाँ पर छात्र पंजाबी भाषा पढ़ रहे हैं जुड़ चुके हैं। 

स. प्रकाश सिंह गिल जो स्वयं भी दिल्ली कमेटी के अंर्तगत चलाये जा रहे गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल में पंजाबी भाषा का शिक्षण संबंधी कार्य कर रहे हैं द्वारा दिल्ली के स्कूलों के साथ-साथ कालेजों में जाकर काऊंसलिंग की जाती है और नौजवानों को इस बात की प्ररेणा दी जाती है कि उनको सिविल सेवा की परीक्षा में शामिल होने के लिए आगे आना चाहिए। स. गिल छात्रों को यह बात बताना नहीं भूलते कि अब छात्र पंजाबी भाषा और पंजाबी माध्यम के साथ इस परीक्षा को पास कर सकते हैं। इस बारे में वह छात्रों को अपनी संस्था पंजाबी हैल्पलाईन द्वारा तैयार  की गई बुकलैट भी मुफ्त में देते हैं कि छात्र संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होने के लिए आगे आयें। कालेजों में काऊंसलिंग के दौरान अब तक जिन नौजवानों ने पंजाबी भाषा से परीक्षा पास करके सफलता हासिल की है उनके बारे में बताना स. गिल नहीं भूलते हैं। अपनी तरफ से पंजाबी हैल्पलाईन भी पूरी तरह से प्रयासगत है।

Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
DSGMC

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