Tuesday, June 21, 2016
Union Finance Minister Arun Jaitley Releases Silver Coin Commemorating Sikh Leader Banda Bahadur
Information and Broadcasting Minister Arun Jaitley today released commemorative silver coin to mark the 300th Martyrdom Day of Banda Singh Bahadur.
Bahadur is considered to be first sovereign ruler of Punjab.
Releasing the coins manufactured in association with MMTC, Jaitley said there is a need to educate people about the rich history and tradition of Punjab including its leaders like Banda Singh Bahadur.
He also suggested Delhi Sikh Gurdwara Management Committee to make a documentary on the life and times of Banda Singh Bahadur.
The leader had sacrificed his life at the age of 46 to protect honour and tradition. He established his rule by defeating Mughals in 1710. Later in 1716, he was captured and executed by Mughals in Delhi.
Link :http://indianexpress.com/article/india/india-news-india/jaitley-releases-silver-coin-commemorating-sikh-leader-banda-bahadur
DSGMC : Releasing Of Nanakshahi Coin By Finance Minister Arun Jaitley
बाबा बन्दा सिंह बहादर के शासन के सिक्के का प्रतिरूपी सिक्का जेटली ने किया जारी
नई दिल्ली (21 जून 2016), केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नेशनल मीडिया सेंटर मे महान सिख जरनैल और पहले सिख बादशाह बाबा बन्दा सिंह बहादर के शासन के दौरान चलते नानकशाही सिक्के का प्रतिरूपी सिक्का जारी किया। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के., पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के उपकुलपति डा.जसपाल सिंह, लोकसभा सदस्य प्रेम सिंह चन्दूमाजरा, पूर्व राज्यसभा सदस्य त्रिलोचन सिंह तथा कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महिन्दरपाल सिंह चड्डा को इन इतिहासिक पलों का गवाह बनने का मौका हासिल हुआ। दिल्ली कमेटी ने बाबा जी की तीसरी शहीदी शताब्दी को व्यापक रूप से मनाने के साथ ही नानकशाही सिक्कों की हुबहू नकल एम.एम.टी.सी. से चांदी के 10 ग्राम तथा 20 ग्राम के सिक्कों के रूप मे बनवाई है।
जी.के. ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर ने सिख राज 1710 में स्थापित करने के बाद अपने नाम पर सिक्के चलाने की शासकों की पुरानी परम्परा को हटाकर गुरु नानकदेव जी और गुरु गोबिन्द सिंह के नाम के इकबाल को बुलन्द करने वाले सिक्के चलाकर एक अलग मिसाल कायम की थी। बाबा बंदा सिंह बहादर के राज की समाप्ति के बाद मुगल शासकों द्वारा बाबा जी द्वारा चलाये गये सिक्कों को गलाने की जानकारी देते हुए जी.के. ने कमेटी द्वारा तैयार करवाये गये सिक्कों को आने वाली कई सदियों तक यादगार के तौर पर सिखों के पास सुरक्षित रहने का भी दावा किया।
जेटली ने दिल्ली कमेटी द्वारा बाबा जी की तीसरी शहीदी शताब्दी को समर्पित किये जा रहे कार्यक्रमों को महापुरूषों की याद तथा आजादी का जश्न मनाने के तौर पर परिभाषित किया। जेटली ने बाबा जी पर एक लघु फिल्म तैयार करने की भी कमेटी को सलाह दी। जेटली ने कहा कि खालसा का बहादुरी तथा कुर्बानी का इतिहास है जिसमें 1716 का विशेष महत्व है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 3 जुलाई को पंजाब सरकार के कार्यक्रम में हाजरी भरने की बात करते हुए जेटली ने देश विरोघी ताकतों पर इतिहास को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
डा. जसपाल सिंह ने कहा कि बाबा जी ने अपना राज स्थापित करने के बाद अपने नाम पर मोहर तथा सिक्का ना चला कर गुरू साहिबानों को दिया सत्कार सिख इतिहास में विशेष स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर ने एक महान योद्धा के तौर पर सम्प्रभुता वाला जो राज स्थापित किया था वो आम आदमी का शासन था। त्रिलोचन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा संसद भवन में स्थापित करते समय महाराजा को आखिरी सिख बादशाह बताने का हवाला देते हुए आज वित्त मंत्री द्वारा बाबा बंदा सिंह बहादर को पहले सिख बादशाह का खिताब देने को संयोग के रूप में आपस में जोड़ा। त्रिलोचन सिंह ने सिक्के जारी करने के समागम में वित्तमंत्री की उपस्थिति को बाबा जी की शहादत को भारत सरकार द्वारा प्रमाणित करने जैसा बताया।
इस अवसर पर गायक सिमरनजीत सिंह द्वारा बाबा जी के बारे गाये गये धार्मिक गीत की वीडियो प्रसिद्ध उद्योगपति राजिन्दर सिंह चड्डा की मौजूदगी मंे जेटली ने जारी की। पब्लिक सैक्टर के 2 बड़े बैंकों में बतौर चेयरमैन सेवा निभा चुके सिख अधिकारी पदमश्री के.एस. बैंस (पंजाब एंड सिंध बैंक) तथा एस.एस. कोहली (पंजाब नैशनल बैंक) ने जेटली को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता अवतार सिंह हित, औंकार सिंह थापर, कुलदीप सिंह भोगल तथा एम.एम.टी.सी. के जनरल मैनेजर रवि किशोर ने जेटली को एक सिक्का तथा यादगारी चिन्ह भी भेंट किया।
स्टेज सचिव की सेवा कमेटी के मुख्य सलाहकार कुलमोहन सिंह ने निभाई। कमेटी के उपाध्यक्ष सतपाल सिंह, संयुक्त सचिव अमरजीत सिंह फतेह नगर, पूर्व विधायक हरमीत ंिसंह कालका, धर्मप्रचार कमेटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा, कमेटी सदस्य रविन्दर सिंह खुराना, तनवंत सिंह, गुरदेव सिंह भोला, हरविन्दर सिंह के.पी., गुरमीत सिंह मीता, परमजीत सिंह चंडोक, चमन सिंह, रवेल सिंह, धीरज कौर, गुरमीत सिंह लुबाणा, जीत सिंह, हरजिन्दर सिंह, रविन्दर सिंह लवली, जतिन्दर पाल सिंह गोल्डी, अकाली नेता विक्रम सिंह तथा मनजीत सिंह औलख इस अवसर पर मौजूद थे।
नानकशाही सिक्के का इतिहास - पहले सिख राज की 1710 मे स्थापना करने के बाद बाबा बन्दा सिंह बहादर ने पहले सिख गुरु, गुरुनानक देव जी और दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के आर्शीवाद तथा रहमत की तलवार की कृपा का वर्णन पारसी भाषा मे लिखकर नानकशाही मुद्रा की सिक्के के रूप में शुरुआत की थी। लेकिन 1716 को फिर से मुगलराज की स्थापना के बाद मुगलों ने लगभग सभी नानकशाही सिक्कों को गला दिया था ताकि पहले सिख राज की निशानी खत्म हो सके।
सिक्के पर ऊपर की तरफ लिखे शब्द -सिक्का जद बर दो आलम, तेग नानक वाहिब-अस्त,फतेह गोबिंद सिंह शाह-ए-शाहन, फजल सच्चा साहिब -अस्त।
सिक्के पर पीछे की तरफ लिखे शब्द -झरब अमन -अल-दाहर, मासावरत शाहर झीनत अलतख्त मुबारक बकूत।
लिखी पंक्तियों के अर्थ -फतेह गोबिंद की, राजाओं के राजा की,सिक्का मारा दो जहान पर, नानक की तलवार जमानती है इच्छाओं की , फतेह शहनशाह गोबिंद सिंह की, कृपा की सच्चे रब एक ने।
With Thanks : Media DSGMC
Wednesday, June 15, 2016
Kejriwal Government is Misleading People on Punjabi Language and Sikh Victims Issues: Manjinder Singh Sirsa
"Punjabi teachers should be appointed
permanently and Punjabi language should be made a compulsory subject"
Kejriwal government is indulging in misleading
actions about issue of promotion of Punjabi language in Delhi in order to show
off before the voters of Punjab, while it should take concrete and relevant steps
for the development of Punjabi language. These words were expressed in a press
statement issued here by Sh. Manjinder Singh Sirsa, the general secretary of
Delhi Sikh Gurdwara Management Committee and the Minister of State, Punjab
government.
Sh.Sirsa stated that he had been providing
factual information to Kejriwal government through a number of letters and with
the help of media, about the problems being faced by the students and teacher
of Punjabi language subject in Delhi. Due to the pressure created on Kejriwal
government, it slightly increased the salaries of Punjabi teachers under
compulsion and has tried to absolve itself of the issue on the basis of this
sham action. While the need of the hour was that these contract teachers, who
had been teaching Punjabi in government schools for many years, should have
been permanently appointed and provided with equal salaries and other
allowances. The few government schools where there were permanent teachers of
Punjabi subject, the posts of these teachers are lying vacant ever since the
retirement of such teachers but the government is not taking any step to fill
these vacant posts. Besides, in spite of repeated requests by him (Sh. Sirsa)
through correspondence with government, Kejriwal government has not revoked its
controversial circular shifting Punjabi language from the list of compulsory
subjects to the list of optional subjects and has ordered only to keep this
circular in abeyance till further orders only; which shows the malafide
intention of Kejriwal government.
Kejriwal government is minutely defrauding
not only Punjabi teachers but also the whole Punjabi community by depriving the
Punjabi teachers from permanent appointments and by not reinstating Punjabi as
a compulsory subject in government schools, for which the Punjabi community
will never forgive this government.
Sh. Sirsa again reminded Kejriwal government that
if this government claims to be sympathetic to the Sikhs, then it must pass a
resolution in Delhi assembly declaring 1st November as a "Black Day".
Besides, the government should instantly get repaired the decaying flats of the
victims of November 1984 massacre in Tilak Vihar colony. The government should
also take steps to provide free electricity to the victims living in these
flats because the electricity companies first send hefty bills to these
families and then stop the supply of electricity in the area for several hours,
in order to compel the victims for payments of these bills. Sh. Sirsa said that
if Kejriwal government fails in taking such steps, its claims of being the
well-wisher of Sikh community will prove to be just a political gimmick.
With Thanks : Media DSGMC
Manjinder Singh Sirsa :Initiate Criminal legal Proceedings Against the Director and Heroine of Movie 'Dishoom' for hurting Sikh Religious Sentiments
In a press conference organised here, general secretary of Delhi Sikh Gurdwara Management Committee and minister of state in Punjab, Sh. Manjinder Singh Sirsa informed the media personnel that he has got issued a legal notice through his advocate Sh. S.S. Ahluwalia to the Sh. Rohit Dhawan, director of an upcoming movie namely 'Dishoom' as well as to its heroine Ms. Jacqueline Fernandez; for initiating criminal legal proceedings against both the accused. Issuing a copy of the notice to the media, Mr. Sirsa claimed that in the movie, Ms. Jacqueline Fernandez has been shown dancing to tunes of a particular song, with a Kirpaan tied to a belt and dangling between her legs. He said that Kirpaan is one of the essential Kakaar born by a practising Sikh (only Amritdhari Sikh can wear Kirpaan). The song in question has intentionally insulted the sacredness and respect of Kirpaan and the movie's director as well as heroine both are responsible.
Sh. Sirsa said that the sacredness and respect of Kirpan has been admitted and appreciated not only by various high courts and supreme court of India but also courts worldwide. The constitution of India also confers the right to bear Kirpan by persons professing Sikh faith, which itself reflects the importance and sacredness of Kirpaan in Sikhism. Therefore, the film director or cast must not be allowed to disrespect this religious symbol of the Sikh community in the guise of right to freedom of expression, which cannot be exercised while hurting the religious sentiments of people.
Sh. Sirsa informed that the controversial song, which has been uploaded on youtube.com, has already started hurting the religious sentiments of the Sikh community as he is already receiving numerous complaints in this matter from various Sikh bodies. Through the legal notice, Mr. Manjinder Singh Sirsa asked director Rohit Dhawan to immediately remove all the trailers/videos of the aforesaid song uploaded at youtube.com or other websites; either delete the song from the movie or re-shoot its video without the Kirpan worn by the actress and to make public apology along with Ms. Jacqueline Fernandez to the Sikh community for the deliberate insult done to a respectable Sikh religious symbol. He warned that if the these remedial steps are not taken, DSGMC would initiate criminal proceedings against the accused persons u/s 295A & 120B for hurting the religious sentiments of the Sikh community and will also file a petition in the court for banning the release of the movie.
Link "http://www.punjabupdate.com/2016/06/15/sirsa-takes-charge-initiate-criminal-legal-proceedings-director-heroine-movie-dishoom
DSGMC :Completion of Baba Banda Singh Bahadur's Statue for installation
ਬਾਬਾ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਦਾ ਬੁੱਤ ਹੋਇਆ ਤਿਆਰ
ਨਵੀਂ ਦਿੱਲੀ (15 ਜੂਨ 2016) : ਬਾਬਾ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਦਾ ਦਿੱਲੀ ਦੇ ਮਹਿਰੌਲੀ ਵਿਖੇ ਸਥਾਪਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਬੁੱਤ ਪੂਰਨ ਤੌਰ ਤੇ ਤਿਆਰ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ। ਦਿੱਲੀ ਸਿੱਖ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ ਬਾਬਾ ਜੀ ਦੀ ਤੀਜ਼ੀ ਸ਼ਹੀਦੀ ਸ਼ਤਾਬਦੀ ਦਾ ਸੁਨੇਹਾ ਸਦੀਵੀ ਕਾਲ ਤਕ ਸੁਰਜੀਤ ਰੱਖਣ ਲਈ ਡੀ.ਡੀ.ਏ. ਤੋਂ 7.5 ਏਕੜ ਦਾ ਪਾਰਕ ਕੁੱਤੁਬ ਮੀਨਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਲੈ ਕੇ ਬਾਬਾ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਮੈਮੋਰੀਅਲ ਪਾਰਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਵਿਕਸਿਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਬਾਬਾ ਜੀ ਦਾ ਬੁੱਤ ਲਗਾਉਣ ਦਾ ਫੈਸਲਾ ਲਿਆ ਗਿਆ ਸੀ। ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਜਿਥੇ ਇਸ ਬੁੱਤ ਦਾ ਸਾਰਾ ਖਰਚਾ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਉਥੇ ਹੀ ਦਿੱਲੀ ਦੇ ਮੁਖਮੰਤਰੀ ਅਰਵਿੰਦ ਕੇਜਰੀਵਾਲ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਹੇਠ ਆਉਂਦੀ ਸਟੇਟ ਨੇਮਿੰਗ ਕਮੇਟੀ ਨੇ ਬੁੱਤ ਨੂੰ ਪਾਰਕ ਵਿਚ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਮਨਜੂਰੀ ਸੁਪਰੀਮ ਕੋਰਟ ਦੇ ਇੱਕ ਅੰਤ੍ਰਿਮ ਆਦੇਸ਼ ਦਾ ਹਵਾਲਾ ਦੇ ਕੇ ਦੇਣ ਤੋਂ ਕੋਰੀ ਨਾਹ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਹੈ।
ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਸੀਨੀਅਰ ਆਗੂ ਕੁਲਦੀਪ ਸਿੰਘ ਭੋਗਲ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਦਿੱਲੀ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ ਇਸ ਬੁੱਤ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਗਵਾਲੀਅਰ ਦੇ ਉੱਘੇ ਬੁੱਤਕਾਰ ਪ੍ਰਭਾਤ ਰਾਇ ਤੋਂ ਕਰਵਾਉਣ ਦਾ ਫੈਸਲਾ ਲਿਆ ਗਿਆ ਸੀ ਕਿਉਂਕਿ ਬਾਬਾ ਜੀ ਦਾ ਹੂ-ਬ-ਹੂ ਬੁੱੱਤ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਜੋ ਚੱਪੜਚਿੜ੍ਹੀ ਮੈਦਾਨ ਵਿਚ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਸੀ ਉਸ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਤ ਰਾਇ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ। ਭੋਗਲ ਨੇ ਬੁੱਤ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਦਾ ਕਾਰਜ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਤੇ ਬੁੱਤਕਾਰ ਦੀ ਸਾਰੀ ਟੀਮ ਨੂੰ ਗਵਾਲੀਅਰ ਵਿਖੇ ਸਿਰੋਪਾਉ ਅਤੇ ਯਾਦਗਾਰੀ ਚਿਨ੍ਹ ਦੇ ਕੇ ਸੰਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ। ਭੋਗਲ ਨੇ ਆਸ਼ ਜਤਾਈ ਕਿ ਦਿੱਲੀ ਕਮੇਟੀ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਸਾਂਝੀ ਪਹਿਲ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ ਇਹ ਬੁੱਤ ਬਾਬਾ ਜੀ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਸੰਗਤਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਦਾ ਵੱਡਾ ਮਾਧਯਮ ਬਣੇਗਾ।
ਭੋਗਲ ਨੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਕਿ ਇਹ ਬੁੱਤ 17 ਫੁੱਟ ਉੱਚਾ ਤੇ 13 ਫੁੱਟ ਚੌੜਾ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ 6 ਟਨ ਵਜਨੀ ਹੈ। ਭੋਗਲ ਨੇ ਇਸ਼ਾਰਾ ਕੀਤਾ ਕਿ ਦਿੱਲੀ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਪਾਰਕ ਵਿਚ ਬੁੱਤ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਮਨਜੂਰੀ ਨਾ ਮਿਲਣ ਤੇ ਉਕਤ ਬੁੱਤ ਨੂੰ ਯੋਗ ਸਥਾਨ ਤੇ ਲਗਾਉਣ ਵਾਸਤੇ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ 2 ਥਾਵਾਂ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨਦੇਹੀ ਕਰ ਲਈ ਗਈ ਹੈ। ਪ੍ਰਭਾਤ ਰਾਇ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮਹਾਨ ਸਿੱਖ ਜਰਨੈਲ ਜਿਸ ਨੇ ਇਸ ਦੇਸ਼ ਵਾਸਤੇ ਆਪਣੇ ਬੱਚੇ ਤਕ ਨੂੰ ਕੁਰਬਾਨ ਕੀਤਾ ਹੋਏ ਉਸ ਦਾ ਬੁੱਤ ਬਣਾਉਣਾ ਮਾਣ ਵਾਲੀ ਗੱਲ ਹੈ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਕਮੇਟੀ ਦੇ ਬਿਲਡਿੰਗ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਇੰਜੀਨੀਅਰ ਵੀ ਮੌਜੂਦ ਸਨ।
With Thanks : Media DSGMC
DSGMC : Guidance Campaign Camp to Assist Admission in Delhi University's Khalsa Colleges
खालसा काॅलेजों में दाखिले के लिए दिल्ली कमेटी ने विद्यार्थी सहायता शिविर लगाया
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा शिक्षा का लंगर लगाने की शुरू की गई मुहिम के तहत इस बार 12वीं कक्षा पास करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थीयों की सहायता के लिए विशेष शिविर लगाया गया। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के भाई लक्खीशाह वणजारा हाॅल में लगाये गये इस शिविर में दिल्ली कमेटी के 4 खालसा काॅलेजों में बतौर सिख विद्यार्थी दाखिला लेने के नुक्ते भी वक्ताओं द्वारा सुझाये गये।
दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के., धर्मप्रचार कमेटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा, गुरू तेग बहादर खालसा काॅलेज के प्रिंसीपल डा. जसविन्दर सिंह तथा गुरू गोबिन्द सिंह काॅलेज आॅफ काॅमर्स के प्रिंसीपल डा.जे.बी. सिंह ने बच्चों को काॅलेज दाखिले के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सावधानियों की भी जानकारी दी। जी.के. ने कहा कि बच्चे अक्सर विश्वविद्यालय का आवेदन फार्म भरते समय अपनी मनपसंद के कोर्स को भरने के साथ बाकी कोर्सो को निशान लगाना जरूरी नहीं समझते जिस कारण दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेने की उनकी इच्छा इस गलती के कारण पूरी नहीं हो पाती। काॅलेज में सीमित सीटों तथा अंकों की ऊंची कटआॅफ में तालमेल बैठाने के लिए जी.के. ने आॅनलाईन फार्म को दिल तथा दिमाग को खुला रखकर भरने की भी बच्चों को सलाह दी।
दिल्ली कमेटी द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण वाली सरकारी योजनाओं का फायदा बच्चों तक पहुंचाने के लिए कमेटी द्वारा की जा रही कोशिशों की भी जानकारी दी। जी.के. ने कहा कि इस बार से खालसा काॅलेजों में कमेटी द्वारा 50 फीसदी सीटें सिख बच्चों के लिए आरक्षित रखने का फैसला लिया गया है पर इन सीटों के दावेदारों का फैसला मैरिट पर होगा। जी.के. ने कहा कि कमेटी के 4 में से 3 काॅलेजों को अल्पसंख्यक संस्थान के रूप में मिली मान्यता का इस बार सिख बच्चों को पहली बार बड़े स्तर पर लाभ मिलने जा रहा है पर कमेटी की कोशिश सिख बच्चों को उनका हक देने के साथ ही काॅलेजों में शिक्षा के स्तर को बनाये रखने की भी रहेगी।
राणा ने बच्चों के इस शिविर में बड़ी गिनती में पहुंचने पर धन्यवाद जताते हुए शिविर को शिक्षा के लंगर के रूप में परिभाषित किया। राणा ने कहा कि गुरूनानक साहिब ने विदिया विचारी... का जो फल्सफा हमें दिया था कमेटी आज उन पदचिन्हों पर चलने की कोशिश कर रही है। राणा ने काॅलेजों को अल्पसंख्यक संस्थान के रूप में मिली मान्यता को सिख कौम की बड़ी प्राप्ति बताया। बच्चों एवं उनके अभिभावकों के बड़ी गिनती में आने के कारण कमेटी के प्रबंध छोटे पड़ते नजर आये जिसके कारण बच्चों को जमीन पर बैठ कर शिक्षा विशेषज्ञों के विचारों को सुनना पड़ा। जी.के. ने अगली बार से शिविर का प्रबंध बड़े स्तर पर करने का भी भरोसा दिया। इस अवसर पर दिल्ली कमेटी सदस्य परमजीत सिंह चंढोक एवं कमेटी के शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
With Thanks : Media DSGMC
DSGMC President :Efforts made by DSGMC to Give Justice to 1984 Genocide Victims Have Shown Results
Congress trying to disturb peace in Punjab to win assembly elections
The President of Delhi Sikh Gurdwara Management committee (DSGMC) Manjit Singh G.K. today disclosed that the vehement efforts made DSGMC a Special Investigation Team (SIT) constituted by the Union Government to give Justice of the victims of 1984 Sikh genocide had shown results with its decision to re-open 75 cases.Manjit Singh G.K. who was talking to the media in Gurdwara Rakabganj Sahib welcomed the decision of SIT set up on 12 February 2015 led by IPS officer Pramod Asthana . G.K also said that he was hopeful that the commitment of Shiromani Akali Dal to give Justice to the genocide victims shall be fulfilled very soon.
DSGMC President also President of Shiromani Akali Dal in Delhi also informed that DSGMC has given all logistic support to the SIT immediately after it came into existence. “We formed a special cell in our office that helped SIT. Under the legal cell incharge of DSGMC Jaswinder Singh Jolly Supreme Court lawyer Sukhbir Kour Bajwa was made Officer on Special Duty and the victims of Genocide were appealed to come to DSGMC office”, informed G.K. The hard work by DSGMC helped in bringing 300 cases to light and 112 cases were scrutinised and were sent to the SIT with proper evidence attached to each case, G.K. informed. It took special cell of DSGMC seven months and all these cases were referred to SIT in 9 batches from 11 December 2015 to 25 may 2016, he added.
DSGMC President said that the decision of SIT to re-open 75 cases out of 112 would help in nailing the leaders of Congress party who perpetrated genocide. He also informed that FIRs in all these 75 cases were already registered but the Delhi police have pushed all these cases in cold basket taking the plea that there was no evidence. G.K. alleged that Delhi police failed to give justice to Sikhs so the cases should be got investigated by CBI or police of some other state. He demanded from SIT that cases in which the names of congress party leaders Jagdish Tytler, Sajjan Kumar and KamalNath is figuring should be handed over to CBI for investigations.
Reacting to the decision of the Congress party to appoint KamalNath as Punjab state incharge G.K. said that the said leader was responsible for attack on Gurdwara Rakabganj Sahib during the genocide. DSGMC President said that clarification given by KamalNath in media is insufficient, and demanded that fact given in an affidavit given by a Journalist of India Express newspaper Sanjay Suri to Mishra and Nanavati commissions be investigated again, as the cases were not investigated properly in the past by Delhi police. “There are still bullet marks on a wall in Gurdwara Rakabganj Sahib when during 1984 genocide two Sikhs were martyred during firing”, G.K. reiterated.
“The Congress party has mentality of opposing Sikhs has still not changed. In 1984 after genocide of the Sikhs Rajiv Gandhi disturbed peace and managed to take 416 seats in the general elections and in same manner keeping assembly elections of 2017 in mind, Congress party wants to disturb peace in Punjab”, G.K. told the media. Answering a question from media, G.K. said that Congress party has failed to kill Sikhs with bullets and not was defaming them by referring them as drug addicts.
DSGMC President also raised questions on the working of then deputy commissioners of Delhi police Hukam Chand Jatav and Gautam Kaul. G.K. said that during attack on Gurdwara Rakabganj Sahib Kamal Nath was present for two hours. “Kamal Nath should have been with the body of Indira Gandhi who was assassinated during those days, what was he doing in Gurdwara Rakabganj Sahib knowing that he was not a regular visitor to the Gurdwara”, G.K. said raising serious aspersions on KamalNath. DSGMC Vice President Satpal Singh, Joint Secretary Amarjeet Singh Pappu, Chief Advisor Kulmohan Singh, Chairman Dharam Parchar Committee Paramjit Singh Rana and Members Darshan Singh, Hardev Singh Dhanoa, Dhiraj Kaur, Harjinder Singh, Jeet Singh and Gurmeet Singh Lubana and Akali leaders Vikram Singh and Punpreet Singh were also present.
Saturday, June 11, 2016
Wednesday, June 8, 2016
Friday, June 3, 2016
Datsun redi - GO for Fun, Freedom & Confidence
A car at a
low price with a great mileage, even though with a manual transmission, is
worth as the cost of Petrol is continuously rising. Even in the month of May,
price of Petrol was enhanced twice, significantly. It dents into the pocket of
every one except those who have plenty of money.
The new
entrant into the market is the Redi – Go from Datsun, Nissan. Though the official
price announcement of the redi-Go has been scheduled on June 7, the Datsun
India redi-Go is likely to be priced at Rs. 2,39,500 for the base variant which
is more likely to shake the segment with the most competitive pricing. The
price seems most competitive and attractive for the first time entrants into
the four wheeler segment as it is suited to almost every budget.
The car is
based on the CMF-A platform developed by Renault and Nissan. This is the same
platform that also underpins Renault Kwid. Both the cars also share identical
powertrain with same specifications.
The redi-Go
is powered by a 799cc three-cylinder petrol motor that churns out 53bhp and a
peak torque of 72Nm, mated to a five-speed manual gearbox. Both the cars will
return a claimed fuel efficiency of 25.17kmpl. A mileage of 25.17 kmpl looks
quite attractive as it’s pocket friendly for the entire middle class range of
people, who want to shift from a two wheeler.
The new
Datsun car will run on 13-inch wheels and will also come with an audio system
that has radio, CD, MP3, USB and aux-in connectivity. These features again
generate attraction amongst the new entrants as they can have all kinds of
music, while on the redi-Go.
The redi-Go
measures 3,429mm in length, 1,560mm in width and 1,541mm in height. With a
tallboy stance, the redi-Go comes with a ground clearance of 185mm which is 5mm
higher than the Renault Kwid. It’s tallboy stance also seems quite attractive
as it gives a great feeling.
Another
attraction of the redi-Go is it’s colours. The car will be sold in five colours
— ruby red, white, silver, lime green, and grey. The redi-Go will be pitted
against Maruti Alto 800, Hyundai Eon and Renault Kwid in India and will be produced at Renault-Nissan alliance plant at
Oragadam, Chennai.
This car can
attract the first time entrants into the car segment due to it’s Lowest price
in the market, with it’s great mileage, with it’s tall boy stance, it’s
beautiful colours as well it’s music system. With a unique design, best in
class performance and fairly comfortable seats, the Datsun redi-Go surely is
the strongest contender in this highly competitive budget hatchback segment I
am very much sure that it will soon become the heart throb of millions.
Fun. Freedom. Confidence. The ultimate Urban Cross - Datsun redi-GO - the capability of a crossover with the convenience of a hatchback. Let me have it's Trial at Delhi.
Subscribe to:
Posts (Atom)