बाबा बन्दा सिंह बहादर के शासन के सिक्के का प्रतिरूपी सिक्का जेटली ने किया जारी
नई दिल्ली (21 जून 2016), केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नेशनल मीडिया सेंटर मे महान सिख जरनैल और पहले सिख बादशाह बाबा बन्दा सिंह बहादर के शासन के दौरान चलते नानकशाही सिक्के का प्रतिरूपी सिक्का जारी किया। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के., पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के उपकुलपति डा.जसपाल सिंह, लोकसभा सदस्य प्रेम सिंह चन्दूमाजरा, पूर्व राज्यसभा सदस्य त्रिलोचन सिंह तथा कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महिन्दरपाल सिंह चड्डा को इन इतिहासिक पलों का गवाह बनने का मौका हासिल हुआ। दिल्ली कमेटी ने बाबा जी की तीसरी शहीदी शताब्दी को व्यापक रूप से मनाने के साथ ही नानकशाही सिक्कों की हुबहू नकल एम.एम.टी.सी. से चांदी के 10 ग्राम तथा 20 ग्राम के सिक्कों के रूप मे बनवाई है।
जी.के. ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर ने सिख राज 1710 में स्थापित करने के बाद अपने नाम पर सिक्के चलाने की शासकों की पुरानी परम्परा को हटाकर गुरु नानकदेव जी और गुरु गोबिन्द सिंह के नाम के इकबाल को बुलन्द करने वाले सिक्के चलाकर एक अलग मिसाल कायम की थी। बाबा बंदा सिंह बहादर के राज की समाप्ति के बाद मुगल शासकों द्वारा बाबा जी द्वारा चलाये गये सिक्कों को गलाने की जानकारी देते हुए जी.के. ने कमेटी द्वारा तैयार करवाये गये सिक्कों को आने वाली कई सदियों तक यादगार के तौर पर सिखों के पास सुरक्षित रहने का भी दावा किया।
जेटली ने दिल्ली कमेटी द्वारा बाबा जी की तीसरी शहीदी शताब्दी को समर्पित किये जा रहे कार्यक्रमों को महापुरूषों की याद तथा आजादी का जश्न मनाने के तौर पर परिभाषित किया। जेटली ने बाबा जी पर एक लघु फिल्म तैयार करने की भी कमेटी को सलाह दी। जेटली ने कहा कि खालसा का बहादुरी तथा कुर्बानी का इतिहास है जिसमें 1716 का विशेष महत्व है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 3 जुलाई को पंजाब सरकार के कार्यक्रम में हाजरी भरने की बात करते हुए जेटली ने देश विरोघी ताकतों पर इतिहास को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
डा. जसपाल सिंह ने कहा कि बाबा जी ने अपना राज स्थापित करने के बाद अपने नाम पर मोहर तथा सिक्का ना चला कर गुरू साहिबानों को दिया सत्कार सिख इतिहास में विशेष स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर ने एक महान योद्धा के तौर पर सम्प्रभुता वाला जो राज स्थापित किया था वो आम आदमी का शासन था। त्रिलोचन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा संसद भवन में स्थापित करते समय महाराजा को आखिरी सिख बादशाह बताने का हवाला देते हुए आज वित्त मंत्री द्वारा बाबा बंदा सिंह बहादर को पहले सिख बादशाह का खिताब देने को संयोग के रूप में आपस में जोड़ा। त्रिलोचन सिंह ने सिक्के जारी करने के समागम में वित्तमंत्री की उपस्थिति को बाबा जी की शहादत को भारत सरकार द्वारा प्रमाणित करने जैसा बताया।
इस अवसर पर गायक सिमरनजीत सिंह द्वारा बाबा जी के बारे गाये गये धार्मिक गीत की वीडियो प्रसिद्ध उद्योगपति राजिन्दर सिंह चड्डा की मौजूदगी मंे जेटली ने जारी की। पब्लिक सैक्टर के 2 बड़े बैंकों में बतौर चेयरमैन सेवा निभा चुके सिख अधिकारी पदमश्री के.एस. बैंस (पंजाब एंड सिंध बैंक) तथा एस.एस. कोहली (पंजाब नैशनल बैंक) ने जेटली को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता अवतार सिंह हित, औंकार सिंह थापर, कुलदीप सिंह भोगल तथा एम.एम.टी.सी. के जनरल मैनेजर रवि किशोर ने जेटली को एक सिक्का तथा यादगारी चिन्ह भी भेंट किया।
स्टेज सचिव की सेवा कमेटी के मुख्य सलाहकार कुलमोहन सिंह ने निभाई। कमेटी के उपाध्यक्ष सतपाल सिंह, संयुक्त सचिव अमरजीत सिंह फतेह नगर, पूर्व विधायक हरमीत ंिसंह कालका, धर्मप्रचार कमेटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा, कमेटी सदस्य रविन्दर सिंह खुराना, तनवंत सिंह, गुरदेव सिंह भोला, हरविन्दर सिंह के.पी., गुरमीत सिंह मीता, परमजीत सिंह चंडोक, चमन सिंह, रवेल सिंह, धीरज कौर, गुरमीत सिंह लुबाणा, जीत सिंह, हरजिन्दर सिंह, रविन्दर सिंह लवली, जतिन्दर पाल सिंह गोल्डी, अकाली नेता विक्रम सिंह तथा मनजीत सिंह औलख इस अवसर पर मौजूद थे।
नानकशाही सिक्के का इतिहास - पहले सिख राज की 1710 मे स्थापना करने के बाद बाबा बन्दा सिंह बहादर ने पहले सिख गुरु, गुरुनानक देव जी और दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के आर्शीवाद तथा रहमत की तलवार की कृपा का वर्णन पारसी भाषा मे लिखकर नानकशाही मुद्रा की सिक्के के रूप में शुरुआत की थी। लेकिन 1716 को फिर से मुगलराज की स्थापना के बाद मुगलों ने लगभग सभी नानकशाही सिक्कों को गला दिया था ताकि पहले सिख राज की निशानी खत्म हो सके।
सिक्के पर ऊपर की तरफ लिखे शब्द -सिक्का जद बर दो आलम, तेग नानक वाहिब-अस्त,फतेह गोबिंद सिंह शाह-ए-शाहन, फजल सच्चा साहिब -अस्त।
सिक्के पर पीछे की तरफ लिखे शब्द -झरब अमन -अल-दाहर, मासावरत शाहर झीनत अलतख्त मुबारक बकूत।
लिखी पंक्तियों के अर्थ -फतेह गोबिंद की, राजाओं के राजा की,सिक्का मारा दो जहान पर, नानक की तलवार जमानती है इच्छाओं की , फतेह शहनशाह गोबिंद सिंह की, कृपा की सच्चे रब एक ने।
With Thanks : Media DSGMC
















