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Sunday, January 17, 2021

मनजिंदर सिंह सिरसा :सुप्रीम कोर्ट की कमेटी किसानों को इसलिए स्वीकार्य नहीं क्योंकि यह किसानों के लिए मीठा ज़हर

           

दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि किसानों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमेटी इसलिए स्वीकार्य नहीं क्योंकि यह किसानों के लिए मीठा ज़हर है।

यहां विज्ञान भवन में किसान जत्थेंबंदियों के नेताओं व सरकार के बीच वार्ता के मौके पर एक बार फिर से लंगर लेकर पहुंचे स. सिरसा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि किसान मसले के हल के लिए जो कमेटी बनाई गई है उनके सदस्यों ने तो पहले ही कृषि क़ानूनों के हक में अपने बयान दिए हैं जो लेखों के रूप में अख़बारों में भी छपे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य पहले ही कृषि क़ानूनों के हक में हैं तो वह किसानों का पक्ष कैसे अदालत में रख सकते हैं।यह तो वही बात हुई कि बैंकों के कामकाज में सुधार के लिए कमेटी बना दो जिसके सदस्य विजय माल्या व नीरव मोदी जैसे व्यक्तियों को डाल दो जो सुधारों की सिफारिश करेंगे।

स. सिरसा ने कहा कि वास्तव में सरकार की मंशा इस मसले को हल करने की नहीं है बल्कि वह नीति अनुसार मसला लटकाना चाहती है तांकि यह समाप्त हो जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझ नहीं है कि किसान वास्तव में ट्रेक्टर हैं जो जितनी देर चालू रहेंगे उतना अधिक गर्म होते रहेंगे और इस तरीके से यह संघर्ष जितना लटकेगा उतना ही लोग इससे और अधिक जुड़ते रहेंगे।

26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च के सबंध में दिए एक सवाल के जवाब में स. सिरसा ने कहा कि सरकार यह चाहती है कि उस दिन टकराव हो और इसका ठीकरा वह किसानों के सिर पर फोड़ दे। उन्होंने कहा कि यह टकराव किसी भी प्रकार से किसानों के हित में नहीं है व बाकी का फैसला किसान जत्थेबंदियों ने करना है हम हर प्रकार से किसानों के साथ खड़े हैं।

Sunday, December 27, 2020

मनजिंदर सिंह सिरसा: पुलिस द्वारा अंग्रेजों की तरह लोगों की आवाज़ दबाने की कोशिश को सफल नहीं होने देंगे

            


दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने उत्तराखंड पुलिस द्वारा लोगों की आवाज़ दबाने के लिए मुकदमा दर्ज करने की सख्त निंदा की है और कहा है कि यह पुलिस अंग्रेज़ों की तरह ही व्यवहार कर रही है जो लोगों को डराने व धमकाने का तरीका इस्तेमाल करते थे।

यहां जारी किए एक बयान में स. सिरसा ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने हमारे खिलाफ धारा 144, 147, 153, 188 और 259 आइ.पी.सी के तहत केस दर्ज कर हमारी आवाज़ को कुचलने का प्रयास किया है। यह व्यवहार ब्रिटिश हुक़ूमत की तरह है। पुलिस किसानों के घर-घर जा कर छापे मारी कर रही है पर इन सब हरकतों से हम डरने वाली नहीं हैं।


उन्होंने कहा कि वह उद्धम सिंह नगर के एस.एस.पी को बताना चाहते हैं कि इस तरह के व्यवहार से हमारी आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। हम हर लड़ाई लड़ेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस का यह प्रयास दिल्ली कमेटी जो कि लोगों की सेवादार संस्था है को समाप्त करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जो कभी भी सफल नहीं होने दी जाएगी।
स. सिरसा ने कहा कि हम बताना चाहते हैं कि उन्होंने गलत लोगों से पंगा लिया है और वह ज़बरदस्ती लोगों को डरा नहीं सकते। उन्होंने कहा कि अब यह मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद उत्तराखंड व यू.पी से अन्य लोग दिल्ली बार्डर पर किसान धरनों में पहुंचेंगे।

 

Saturday, October 31, 2020

Manjinder Singh Sirsa: Announcements to Celebrate Indira Gandhi's Anniversary As Rights Day Is Shameful

             

नई दिल्ली, 31 अक्टूबरः दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कांग्रेस पार्टी द्वारा इंदिरा गांधी की बरसी को किसानों के लिए अधिकार दिवस के रूप में मनाने के किए गये ऐलान की पुरज़ोर शब्दों में निंदा की है और कहा है कि हैरानी वाली बात है कि जिस इंदिरा गांधी ने किसानों के अधिकार छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ी आज उसके नाम पर ही ऐलान किए जा रहे हैं।

यहां जारी किए एक बयान में स. सिरसा ने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक एवं दुखदायी बात है कि कांग्रेस पार्टी इंदिरा गांधी की बरसी को किसानों के लिए अधिकार दिवस के रूप में मनाने का ऐलान कर रही है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि इंदिरा गांधी ने पंजाब के किसानो के हक छीनने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी, उसने सतलुज यमुना लिंक नहर जैसी नहरें निकालीं और किसानों को व पंजाबियों के हक को समाप्त करने के लिए पंजाब की राजधानी छीनी और सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब व श्री दरबार साहिब पर तोपों व टैंकों से हमले किए। उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह केन्द्रीय कांग्रेसी लीडरशिप व पंजाब की कांग्रेसी लीडरशिप किसानों के संघर्ष को कमज़ोर करने के लिए प्रयास कर रही है जो कभी भी कामयाब नहीं होंगे।

स. सिरसा ने कहा कि वास्तव में किसान अधिकार दिवस केवल बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के नाम पर मनाया जाना चाहिए जिन्होंने किसानों को उनकी ज़मीनों का हक दिलाया। उन्होंने कहा कि जिस कातिल इंदिरा गांधी ने पंजाब के लिए खास तौर पर सिखों के लिए कुछ नहीं किया व उनके अधिकारों के साथ समझौते किए उसके नाम पर मानवीय अधिकार दिवस मनाया जाना बहुत ही शर्मनाक बात है।

News Credit,
Mr.Sudeep Singh
Honorary Media Advisor
DSGMC